Sunday, December 22, 2024
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सतर्कता जरूरी है : ज्यादा तनाव से हो सकता है जानलेवा ‘स्ट्रोक’ का खतरा, F.A.S.T. से करें पहचान, इन उपायों से करें स्ट्रोक (आघात) से बचाव….

0 आज विश्व स्ट्रोक दिवस पर विशेष

कोरबा (खटपट न्यूज़) । विश्व स्ट्रोक दिवस या विश्व आघात दिवस हर वर्ष 29 अक्टूबर को मनाया जाता है| स्ट्रोक को ब्रेन अटैक के नाम से भी जाना जाता है| इस दिवस को मनाने का उद्देश्य लोगों को स्ट्रोक से होने वाले खतरों के प्रति आगाह करने के साथ साथ उनको इससे बचाव के उपाय भी सुझाना है | विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार स्ट्रोक का खतरा हर 4 व्यक्तियों में से एक को होता है| इसलिए इस बार की थीम “वह एक न बनें” रखी गयी है|
इस बारे में कोरबा जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी.बी. बोर्डे ने बताया आजकल लोग काफी मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण किसी की नौकरी छूट गयी है तो किसी का व्यापार बंद हो गया है | ऐसे में उनको स्ट्रोक होने का जोखिम और अधिक है| इसलिए स्ट्रोक के प्रति अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है |
0 क्या है स्ट्रोक?
जब रक्त वाहिका नलिकायें किसी रुकावट या रिसाव के कारण मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति नहीं कर पाती हैं तो ऐसी स्थिति को स्ट्रोक कहते है | इसको ब्रेन अटैक के नाम से भी जाना जाता है |
0 स्ट्रोक्स के लक्षणों को FAST रणनीति के माध्यम से आसानी से पहचाना जा सकता है –
F – फेस : किसी व्यक्ति के मुस्कुराने पर उसका चेहरा एक तरफ लटक रहा है तो उसे स्ट्रोक का खतरा हो सकता है
A – आर्म : किसी व्यक्ति द्वारा दोनों हाथों को उठाने पर एक हाथ का न उठ पाना या गिर जाना
S – स्पीच : यदि किसी व्यक्ति द्वारा साधारण शब्द बोलने पर उसकी आवाज में लडख़ड़ाहट होना
T –टाइम टू एक्शन :यदि आपको उपरोक्त में से कोई भी लक्षण है तो एम्बुलेंस के लिए आपातकालीन नंबर पर कॉल करें
0 कैसे बचा जा सकता है स्ट्रोक से ?
उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करके- स्ट्रोक्स के लगभग आधे से ज़्यादा मामले उच्च रक्तचाप से जुड़ें होते हैं। इसलिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।सप्ताह में पांच बार व्यायाम करने से- स्ट्रोक्स के एक तिहाई से अधिक मामले उन लोगों में होते हैं, जो कि नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते हैं।इसलिए सप्ताह में पांच बार 20 से 30 मिनट व्यायाम करना चाहिए

स्वस्थ और संतुलित आहार खाना से- लगभग एक चौथाई स्ट्रोक्स के मामलेअसंतुलित आहार विशेषकर फलों एवं सब्जियों के कम सेवन करने से जुड़े होते हैं। इसलिए खाने में फल एवं सब्जियों को भी संतुलित मात्रा में सेवन करना चाहिए साथ ही स्ट्रोक्स का ज़ोखिम कम करने के लिए नमक का सेवन कम करना चाहिए। 

संतुलित वज़न बनाए रखना- लगभग 5 में से 1 स्ट्रोक मोटापे से जुड़ा होता है। इसलिए व्यायाम एवं उचित खानपान के माध्यम से वज़न को नियंत्रित रखना चाहिए। 

कोलेस्ट्रॉल कम करना- चार में से एक से ज़्यादा स्ट्रोक के मामले उच्च कोलेस्ट्रॉल से जुड़े होते हैं। इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

धूम्रपान से दूरी बनाकर- धूम्रपान रोकने से स्ट्रोक का ज़ोखिम कम होता है। इसलिए धूम्रपान से दूरी बनाकर रखना चाहिए ।

अल्कोहल से दूरी बनाकर- प्रतिवर्ष एक मिलियन से अधिक स्ट्रोक अत्यधिक अल्कोहल के सेवन से जुड़ें है। इसलिए अल्कोहल का सेवन कम करने से स्ट्रोक के ज़ोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

मधुमेह को नियंत्रित करके- मधुमेह को नियंत्रित करके स्ट्रोक्स का जोखिम कम किया जा सकता है क्योंकि मधुमेह से स्ट्रोक का ज़ोखिम बढ़ जाता है। यदि आप मधुमेह से पीड़ित है, तो मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए उपचार और जीवन शैली बदलाव के बारे में अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
0 मौत ही नहीं स्थाई विकलांगता भी देता है ‘स्ट्रोक’
विश्व स्ट्रोक संगठन के अनुसार पूरी दुनिया में हर वर्ष लगभग 1.70 करोड़ लोग स्ट्रोक्स की समस्या का सामना करते हैं जिसमें से 60 लाख लोग तो मर जाते हैं जबकि 50 लाख लोग स्थायी रूप से विकलांग हो जाते हैं | दुनिया में होने वाली मौतों में स्ट्रोक दूसरा प्रमुख कारण है जबकि विकलांगता होने का यह तीसरा प्रमुख कारण है | इतना गंभीर होने के बाबजूद भी कम से कम आधे से अधिक स्ट्रोक्स को लोगों में पर्याप्त जागरूकता पैदा कर रोका जा सकता है |

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