
कोरबा(खटपट न्यूज़)। प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने कोविड-19 के बचाव में लगे सिम्स के अधिकारियों को लापरवाही बरतने पर तत्काल हटाने का आदेश जारी किया है वहीं कोरबा जिला में कोरोना संक्रमण बचाव में लगे जिम्मेदार लोगों की भारी लापरवाही का मामला उजागर हुआ है। इस तरह के मामले में त्वरित संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
पुष्ट सूत्रों के बताए अनुसार कटघोरा ब्लॉक के बलगी कालोनी में पिछले दिनों एक परिवार के सदस्यों का कोरोना पॉजिटिव होने का मामला आया था, वहीं उनके साथ रहने वाले बुजुर्ग 80 -85 वर्षीय माता-पिता निवास कर रहे थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण के डर से 1 नं. दफाई, वार्ड क्र.56, डगनियाखार में अपने एक रिश्तेदार के घर भेज दिया गया। दोनों बुजुर्ग अपने रिश्तेदार के यहां सामान्य तरीके से एक सप्ताह रहे। इस बीच कई अन्य व्यक्तियों से भी वे मिलते रहे। शुक्रवार 25 सितम्बर को दोनों बृद्धों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद संबंधित स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में उनके परिजनों द्वारा वहीं मोहल्ले के बीच में वर्षों से बंद पड़े सूने क्षतिग्रस्त मकान में आनन-फानन में लाकर रख दिया गया। उस मकान में शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है। उन वृध्दों की स्वास्थ्य विभाग को भी सुध नहीं है। बताया जा रहा है उन्हें बीते दो दिनों से कोई दवाई नहीं दिया गया है। 80 – 85 बर्षीय वृध्द माता पिता को जहां परिजन सूने मकान में छोड़ दिये हैं वहीं स्वास्थ्य विभाग का रवैया भी समझ से बाहर है। उन मरीजों के उम्र के आधार पर उन्हें तत्काल कोविड हॉस्पीटल भेजने की आवश्यकता है। स्थानीय लोग चाहते हैं कि इस तरह की लापरवाही बरतने वाले अधिकारीयों, कर्मचारियों पर तत्काल कार्यवाही भी होनी चाहिए ताकि प्रदेश के मुखिया भुपेश बघेल और उनके निर्देश पर कोरबा कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल की कोरोना संक्रमण बचाव संबंधी संवेदना पूरे प्रदेश व जिले में जाहिर हो सके।