कोरबा। पिछले एक पखवाड़े से शहर के विभिन्न पेड़ों की पत्तियों को चट करने वाले ईल्लीनुमा कीड़े की उपस्थिति के कारण पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ये कीड़े गुलमोहर के साथ-साथ यूकेलिप्टस और अन्य प्रजाति के वृक्षों को नुकसान पहुंचाने में लगे हुए हैं। कीड़ों के चलने से होने वाले घर्षण के कारण पेड़ों की खाल उखड़ रही है एक समय के बाद यह इस स्थिति में पहुंच जाते हैं जैसे कि दीमक लगने पर किसी भी चीज की समाप्ति हो जाती है। जिला अस्पताल परिसर के आसपास कई पेड़-पौधों पर भी ये कीड़े पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिला अस्पताल पुलिस चौकी के प्रभारी भेज दास महंत ने बताया कि इन कीड़ों की उपस्थिति काफी समय से यहां पर बनी हुई है। कोरोना की महामारी से जूझ रहे प्रशासन के लिए नए तरह के कीड़े अपने आप में बड़ी समस्या है। इनके खात्मे के लिए कोरबा डीएफओ गुरुनाथन ने नगर निगम आयुक्त को एक पत्र लिखा है जिसमें सुझाव दिया गया है कि कई तरह के कीटनाशक का छिड़काव करने के साथ इस समस्या के निराकरण की दिशा में कार्य करें। पत्र में उन्होंने बताया कि शहर के आसपास क्षेत्र में गुलमोहर वृक्ष प्रजातियों में अधिकांश मात्रा में कीड़ा लगा होना पाया गया है। वर्तमान में इसका सीजन प्रारंभ है। जेडएसआई वैज्ञानिक के सुझाव के अनुसार फायर डिपार्टमेंट के सहयोग से बारिश में खुला आसमान होने पर कीटनाशक का छिड़काव करने पर कीड़ा मर जाता है। इसके अतिरिक्त देशी तम्बाखू एवं नीम की पत्ती शैम्पू में घोल बनाकर छिड़काव करने से मर जाता है। उक्त कीटनाशक का प्रयोग करते समय सुरक्षा के उपाय की आवश्यकता होगी। पत्र की प्रतिलिपि कलेक्टर को भी प्रेषित की गई है।