अजा मोर्चा में संभाल रही हैं प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी
जांजगीर-चांपा (खटपट न्यूज)। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा का सांसद होने के बावजूद भी विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में वर्तमान सांसद और पुराने जीते हुए सांसदों की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है। पार्टी को नये चेहरे श्रीमती सुनीता पाटले को मैदान में उतारने की कवायद जादू की छड़ी जैसे काम कर सकती है।
भारतीय जनता पार्टी में अनुसूचित जाति मोर्चा में प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहीं श्रीमती सुनीता पाटले को जांजगीर लोकसभा क्षेत्र क्रमांक-3 से प्रत्याशी बनाया जाना चाहिए। लोकसभा क्षेत्र क्रमांक-3 के सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस ने सभी नये प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था और सभी विजयी हुए। भाजपा और अन्य पार्टियों ने यहां सभी पुराने चेहरों को मौका दिया जिनकी वजह से पार्टियों को करारी हार का सामना इस लोकसभा क्षेत्र में करना पड़ा है। जांजगीर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। ऐसे में 1996 से भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर 2006 से 2012 तक महिला मंडल सहित धर्मवाहिनी, भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा, बिलासपुर जिला का सह प्रभारी और अंबिकापुर जिला के चुनाव सह प्रभारी का दायित्व भी इन्होंने निभाया और प्रत्याशियों को जीत का सेहरा बंधवाया। विधानसभा चुनाव 2023 में कटघोरा विधानसभा और कोरबा विधानसभा में सामाजिक लोगों को जोड़कर इन्होंने प्रत्याशियों को विजयी तिलक लगवाया है।
0 सुनीता ने पार्टी प्रत्याशियों को विजय दिलाई
विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष मेें लहर के बावजूद जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली 8 सीटों पर भाजपा हार गई। वर्तमान में भाजपा के सांसद गुहाराम अजगल्ले हैं। निर्मल सिन्हा, सनम जांगड़े और पूर्व सांसद कमला पाटले ने भी अपने बूते एक भी प्रत्याशी को नहीं जिता सके। ऐसे में भाजपा अजा मोर्चा की प्रदेश मंत्री सुनीता पाटले को जांजगीर लोकसभा में मौका मिलने की उम्मीद है, इन्होंने कोरबा और कटघोरा विधानसभा में पार्टी के प्रत्याशियों को विजय दिलाई।
0 छात्र जीवन से संभाले अनेक दायित्व
जांजगीर-चांपा जिला भाजपा एवं संगठन सभी कार्यों में सुनीता पाटले ने अपनी सहभागिता निभाई और कार्यक्रमों में भाग लिया। भाजपा सरकार की सभी योजनाओं को गांव-गांव और अंतिम छोर के व्यक्ति तक लाभ पहुंचाने का कार्य इनके द्वारा किया जाता रहा है। राजनीति के साथ-साथ सामाजिक पकड़ भी सुनीता ने बना रखी है। छात्र जीवन से ही संघ और संगठन में अनेक दायित्वों को इनके द्वारा निभाया गया है और प्रत्याशियों के जीत का परचम लहराया है।