Thursday, December 26, 2024
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इतिहास बताता है, हर 100 साल बाद मौत का तांडव मचाने धरती पर आती है महामारी

इतिहास देखा जाए तो हर 100 साल बाद एक बार महामारी तबाही मचाती है। इन महामारियों के पीछे वैज्ञानिकों के भी कई तरह के तर्क है साल 1720, 1820, 1920 में फैली महामारी के बाद 2020 में कोरोना वायरस ने दुनिया में तबाही मचा दी है। महामारी के फैलने को संजोग संज्ञा समझे या पैटर्न पर यह सत्य है कि विश्व में हर जानलेवा बीमारी 100 साल बाद मौत का तांडव दिखाने इस धरती पर आती है
1720 मार्सिले का फ्लैग
1720 में बुकेनिक फ्लैग ने पूरे विश्व में लाखों लोगों को मौत की नींद सुला दिया था फ्रांस के मार्सिले शहर में ही इस महामारी ने करीब एक लाख यानी उस दौरान विश्व की 20 प्रतिशत जनता को मौत के मुंह में धकेल दिया इजिस्ट और वेस्ट इंग्लैंड में इस बीमारी का खासा प्रभाव था इतिहासकारों के मुताबिक इस बीमारी से यूरोप अमेरिका और एशिया में सात करोड़ लोगों की मौत के अनुमान लगाए जाते हैं भारत में इस बीमारी का प्रकोप 19वीं सदी के आखिरी तक रहा और लाखों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था यह महामारी चूहों और रिस्सू से फैली थी इस बीमारी का खौफ इतना था की इंसान रात को स्वस्थ इंसान सो जाता था और सुबह मृत पाया जाता था फ्लेग को ताउन,ब्लैक डेप पेस्ट आदि नाम भी दिए गए थे
1820 द फर्स्ट कॉलरा (हैजा)
1820 में एक और भयानक महामारी द फर्स्ट कॉलरा हैजा ने जन्म लिया या बीमारी सबसे पहले थाईलैंड इंडोनेशिया और फिलीपींस में आग की तरह फैल गयी कालरा से अकेले जावा द्वीप पर एक लाख लोगों की मौत हो गई 1910 और 1911 के बीच भारत में या महामारी मध्य पूर्व अफ्रीका और पूर्वी यूरोप और रूस तक फैली थी जिससे आठ लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। हैजा वीडियो कॉलरा नाम के बैक्टीरिया से होता है इस बीमारी में दस्त और उल्टी होती है जिससे मरीज शरीर का सारा पानी खो देता है साफ पानी न मिलने पर मरीज की मौत घंटों के अंदर अंदर हो जाती है कई सालों के शोध के बाद पता चला बीमारी सबसे पहले बांग्लादेश से शुरू हुई थी
वर्ष 1920 स्पेनिश फ्लू
1920 यह अपनी सदी का सबसे खतरनाक वायरस था जिसने 1919 में दुनिया की करीब एक तिहाई आबादी को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया था यह वायरस सबस पहले यूरोप,यूनाइटेड स्टेट और एशिया के कुछ हिस्सों में फैला जिसने 2 करोड़ से 5 करोड़ लीगो की जिंदगी ख़त्म कर दी थी यह वायरस एनएच फ्लू था जो की खांसने और छींकने के दौरान निकलने वाले ड्राप्सलेट के संपर्क में आने से फैलता है इस वायरस ने सबसे ज्यादा स्पेन में तबाही मची थी जिस वजह से इसे स्पेनिश फ्लू के नाम से जाना जाता है अकेले भारत में ही इस महामारी ने करीब 2 करोड़ लोगों की जान ली थी
अब 2020 कोरोना वायरस
अब 2020 यानी ठीक 100 बाद फिर पूरे विश्व में इंसानियत को खतरे में डालने कोरोना वायरस नमक महामारी चीन के वूहान से निकलकर समूचे विश्व में लाखो लोगो को अपनी जद में ल ेलिया है वहीं अब तक लाखों की तादाद में जानें जा चुकी हैं। अभी भी कोरोना वायरस दिन ब दिन अपने पूरे शबाब पर है। दिन बी दिन बढ़ते कोरोना के मरीजों से पता चलता है इतिहास दोहराया जायेगा इतिहास की बीमारियों की तरह इस कोरोना वायरस का भी समय रहते किसी दवा अथवा वेक्सीन का ईजाद किया जाना मुमकिन नहीं दिख रहा है।

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