भोपाल। कान्हा टाइगर रिजर्व मण्डला के घोरेला बाड़े में रखे गये नर बाघ को शनिवार 6 जून को सुबह 10.30 बजे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान लाया गया। इस नर बाघ ने महाराष्ट्र राज्य से बैतूल जिले में प्रवेश किया था। मुख्य वन्य-प्राणी अभिरक्षक महाराष्ट्र के अनुसार इस बाघ द्वारा अक्टूबर-2018 में अमरावती जिले में दो जनहानि की गई थी। यह बाघ दिसम्बर-2018 में भटक कर बैतूल आ गया था। उक्त नर बाघ को पूर्व में 11 दिसम्बर, 2018 को बैतूल जिले के सारणी कस्बे के रिहायशी इलाके से रेस्क्यू किया जाकर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़कर इसे प्राकृतिक रहवास में रहने का एक अवसर भी प्रदान किया गया था, किन्तु इस बाघ की रिहायशी क्षेत्र में रहने एवं लौटने की प्रवृत्ति के कारण यह दोबारा रिहायशी क्षेत्र में पहुँच गया था। तत्पश्चात् इसको 10 फरवरी, 2019 को पुन : बैतूल जिले के सारणी कस्बे के रिहायशी क्षेत्र से रेस्क्यू किया जाकर कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला बाड़े में रखा गया। इस नर बाघ को कान्हा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक एवं वन्य-प्राणी चिकित्सक दल द्वारा वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल लाया गया है। संचालक वन विहार को सुझाए गये नामों में से संचालक द्वारा इस बाघ का नाम सरन रखा गया है। बाघ के आगमन के साथ वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में अब 14 बाघ हो गये हैं। वर्तमान में इस बाघ को क्वारेंटाइन में रखा गया है।
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