भोपाल। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति,सहकारिता एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बताया कि 31 मई तक प्रदेश में एक करोड 22 लाख 28 हजार 379 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। किसानों को समर्थन मूल्य के रूप में 17 हजार 430 करोड़ 51 लाख 78 हजार 323 रूपये का भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 4527 खरीदी केन्द्रों पर 15 लाख 55 हजार 453 किसानों ने अपनी उपज का समर्थन मूल्य प्राप्त किया। प्रमुख सचिव श्री शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में 19 लाख 46 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए पंजीयन कराया था। जिसमें से 15 लाख 29 हजार किसानों ने 122 लाख मीट्रिक टन गेंहूँ का विक्रय किया। श्री राजपूत ने बताया कि कुल उपार्जित गेहूँ का 87.33 प्रतिशत यानी एक करोड़ 7 लाख 27 हजार 926 मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन किया जाकर उसे सुरक्षित गोदामों में भंडारित कराया जा चुका है। लॉक डाउन के कारण सोशल डिस्टेंसिंग के साथ गेहूँ का निश्चित अवधि में उपार्जन मानसून को देखते हुए एक उपलब्धि भी है। प्रमुख सचिव श्री शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के कुल पंजीकृत किसानों में से 13 लाख 80 हजार लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर विक्रय किया। इनमें 3 लाख 81 हजार सीमांत किसान, 5 लाख 41 हजार छोटे किसान और 4 लाख 68 हजार मध्यम किसानों ने उपार्जन का लाभ लिया। लघु, मध्यम एवं सीमांत किसानों ने 86.57 एमटी गेहूँ का विक्रय किया।इनमें से सीमांत किसानों ने अभी तक कुल 9 लाख 26 हजार मीट्रिक टन, छोटे किसानों ने 28 लाख 38 हजार मीट्रिक टन और मध्यम किसानों ने 48 लाख 93 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का समर्थन मूल्य पर विक्रय किया। श्री राजपूत ने बताया कि प्रदेश में अभी तक 882 खरीदी केन्द्रों पर 1 लाख 83 हजार 913 किसानों से 3 लाख 82 हजार 410 मीट्रिक टन चना, मसूर एवं सरसों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई।
प्रदेश में 31 मई तक एक करोड 22 लाख 28 हजार 379 मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन
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