0 स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन का गठन, हाईकोर्ट का आदेश की आड़ में पालकों से लूट-खसोट बंद कराने हो रहे एकजुट
कोरबा (खटपट न्यूज)। बिलासपुर निजी स्कूल संघ की याचिका पर बिलासपुर उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों जो आदेश दिया था, उसकी आड़ में कोरबा के निजी स्कूल अभिभावकों को लगातार मैसेज भेज कर फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि पालकों से उनकी सुविधा के अनुसार केवल ट्यूशन फीस लिया जाएगा लेकिन कोरबा के कई निजी स्कूल नियत तिथि तक फीस नहीं देने पर लेट फीस वसूलने की धमकी दे रहे हैं जो पूर्णत: गलत है। निजी स्कूलों की मनमानी एवं लूट के विरुद्ध कोरबा के अभिभावक संगठित होने लगे हैं स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन कोरबा का गठन किया गया है जिसमें सैकड़ों की संख्या में पालक जुड़ रहे हैं। एसोसिएशन संगठित रूप से निजी स्कूलों की मनमानी और लूट का खुला विरोध करने का मन बना रहे हैं। स्कूल पेरेंट्स एसोसिएशन के गठन में मुख्य भूमिका निभाने वाले बाल कल्याण समिति के सदस्य दीपक साहू, जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व सचिव नूतन सिंह ठाकुर, समाजसेवी कविता सोनी, शैलेश सोमवंशी, पार्षद रवि सिंह चंदेल, सरवर खान आदि ने कोरबा जिले में आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे अभिभावकों से कहा है कि वे यदि फीस जमा नहीं कर पा रहे हैं तो उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अपने बच्चों की फीस माफ करने स्कूलों को लिखित या मैसेज भेजकर निवेदन देवें।उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार सभी निजी स्कूलों कोरोना लॉकडाउन के कारण आर्थिक समस्या से जूझ रहे पालकों के फीस कम करने या माफ करने के संबंध में निर्णय लेने के लिए बाध्य है। स्कूल पैरेंट्स एसोसिएशन कोरबा ने जिले के सभी निजी स्कूलों से निवेदन किया है कि वे भी मानवता का परिचय देते हुए लाकडाउन अवधि का स्कूल फीस माफ करें। यदि निजी स्कूलों ने अभिभावकों से फीस वसूलने में सख्ती दिखाई तो कोरबा के पालक संगठित रूप से विरोध प्रदर्शन करेंगे और हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे। जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला प्रशासन से भी मांग है कि वह हाईकोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर पालक उसे जारी लूट पर विराम लगाने के लिए कदम उठाए।