भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश के किसानों के परिश्रम से गेहूँ का रिकार्ड उत्पादन और उपार्जन का कार्य संभव हुआ है। कोरोना के संकट के बावजूद प्रदेश की यह उपलब्धि मायने रखती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश के उन किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है, जो गेहूं बेच नहीं पाए हैं। प्रदेश में रिकॉर्ड गेहूँ उपार्जन के बाद भी जिन जिलों में कोरोना वायरस के कारण उपार्जन में विलंब हुआ या अन्य कारणों से किसान भाइयों के गेहूँ की तुलाई नहीं हो पाई है वहां खरीदी 31 मई तक होगी। प्रदेश में गेहूँ उत्पादन और उपार्जन के सभी रिकार्ड टूट गए हैं। किसान की मेहनत ही इसका मुख्य कारण है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज किसानों के नाम संदेश में कहा कि दो महीने पहले प्रदेश में परिस्थितियाँ काफी विषम थीं और गेहूँ उपार्जन की कोई भी व्यवस्था नहीं थी। कम समय में शासन द्वारा खरीदी की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं और किसानों से गेहूँ उपार्जन का कार्य व्यवस्थित रूप से प्रारंभ किया गया। मध्यप्रदेश में कोरोना की विपरीत परिस्थितियों में रिकॉर्ड गेहूँ उत्पादन हुआ है। किसानों ने जहां रिकॉर्ड उत्पादन किया वहीं सरकार ने रिकॉर्ड खरीदी का कार्य किया है। इसके लिए सभी प्रबंध किए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 2 माह पूर्व प्रदेश में गेहूँ उपार्जन की कोई भी व्यवस्था नहीं थी। प्रदेश में 16 अप्रैल से 25 मई तक 15 लाख तीन हजार किसानों से 114 लाख 70 हजार मीट्रिक टन अर्थात 11 करोड़ 47 लाख क्विंटल गेहूँ का उपार्जन किया गया। निजी मंडियां भी खोली गईं। ई-ट्रेडिंग का विकल्प भी उपलब्ध करवाया गया। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर गेहूँ की खरीदी का कार्य शेष है वहां किसानों को एसएमएस भेजने की व्यवस्था की जाएगी और आगामी 31 मई तक गेहूँ खरीदी का कार्य किया जाएगा।
कोरोना संकेट के बावजूद किसानों के परिश्रम से हुआ रिकार्ड उत्पादन, सीएम ने किसानों से ये कहा…
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