कोरबा(खटपट न्यूज़)। जमीन लेन-देन के मामले में आपसी अनुबंध का पालन नहीं किए जाने और राशि लौटाने के समझौता उपरांत दिए गए 1 करोड़ 60 रुपए का चेक बाउंस हो जाने के मामले में दायर परिवाद पर न्यायालय ने संबंधित चेक प्रदायकर्ता को दो वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2 करोड़ रुपए प्रतिकर की सजा से दंडित किया है।

न्यायलयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीतामणी निवासी रुढ़मल अग्रवाल एवं मोहनलाल अग्रवाल के मध्य 23 अक्टूबर 2011 को कुल दो एकड़ 51 डिसमिल जमीन के क्रय-विक्रय का सौदा हुआ और अनुबंध पत्र मोहनलाल द्वारा निष्पादित किया गया। किसी कारण से अनुबंध समाप्त करना पड़ा जिस पर मोहनलाल द्वारा 61 लाख रुपए के एवज में परिवादी रूढ़मल को 1 करोड़ 60 लाख रुपए भुगतान करना स्वीकार किया गया। उक्त राशि का एचडीएफसी बैंक शाखा कोरबा का चेक मार्च 2014 को सीतामणी में प्रदान किया गया। उक्त चेक बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गया। इसके बाद मौखिक तौर पर रकम भुगतान की बात हुई जिसमें आना-कानी करने लगा। अंतत: रूढ़मल अग्रवाल ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बृजेश राय ने विचाराधीन प्रकरण में मोहनलाल अग्रवाल को चेक बाउंस होने पर धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम के तहत दोष सिद्ध पाया और दो वर्ष का सश्रम कारावास की सजा से दण्डित करते हुए परिवादी को दो करोड़ रुपए प्रति कर की राशि जुर्माना के तौर पर वसूल करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही आरोपी का जमानत मुचलका निरस्त कर सजा भुगताए जाने हेतु जिला जेल भेजने आदेशित किया है।