0 सफेद हाथी की तरह खड़े टंकी से सप्लाई चालू करने ध्यान दे प्रशासन
कोरबा-करतला,(खटपट न्यूज़)। घर-घर पानी पहुंचाने के लिए सरकार के द्वारा पानी की तरह पैसा बहाने के बाद भी जब घरों तक पानी ना पहुंचे तो उस योजना में हुआ निर्माण सरकारी पैसा फूंकने की तरह ही है। चिंतनीय बात तब और है जब विभाग के अधिकारी भी 4 साल से सफेद हाथी की तरह खड़े एक करोड़ की लागत वाले पानी टंकी से घरों तक जल आपूर्ति 4 साल बाद भी सुनिश्चित नहीं करा पाए हैं।
मामला कोरबा जिले के विकासखंड करतला के ग्राम पंचायत दादरकला का है। करीब 4 हजार की आबादी वाले इस पंचायत के लोगों को नल-जल योजना के तहत पाइपलाइन बिछाकर पानी आपूर्ति के लिए टंकी का निर्माण कराया जाकर पाइप लाइन बिछाया गया। वर्ष 2015 में निर्माण शुरू हुआ और 2016-17 के मध्य टंकी तैयार हुई व गलियों में पाइप लाइन बिछा दिए गए। ट्रायल के लिए टंकी में पानी भरा गया तब कुछ स्थानों से सीपेज होना शुरू हुआ। यह कोई बड़ी समस्या नहीं थी लेकिन इससे बड़ी दिक्कत तब हुई जब टंकी से पानी सप्लाई करने के साथ ही जमीन के भीतर से बिछाए गए पाइप लाइन से जगह-जगह जल धाराएं फूट पड़ीं। आनन-फानन में इस गड़बड़ी को तलाशा गया तब पाया कि बिछाई गई पाइप लाइन कमजोर गुणवत्ता की होने से पानी का प्रवाह बर्दाश्त नहीं कर सकी और जगह-जगह से फूट गई। टंकी के निकट ही पाइप लाइन फूटने से पानी का प्रवाह आगे नहीं बढ़ पाया, जिससे योजना धरी की धरी रह गई है। इसके बाद करीब 4 लाख रुपए की स्वीकृति पाइप लाइन मरम्मत के लिए कराई गई। पुराने पाइप के स्थान पर नया पाइप लाइन बिछाया गया लेकिन हालत पहले जैसी ही रही। तत्कालीन सरपंच (वर्ष 2010-2019) मोहन सिंह कंवर ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के द्वारा यह पूरा कार्य कराया गया था। पाइप लाइन फूटने के बाद पीएचई के तत्कालीन एसडीओ ने 15 दिन रहकर अपनी मौजूदगी में मरम्मत कार्य कराया फिर भी समस्या जस की तस है। पूर्व सरपंच के मुताबिक दोनों ही बार बिछाई गई पाइप लाइन अपेक्षाकृत कमजोर होने से ऐसा हो रहा है। पुराना पाइप बदलकर नया पाइप फिर से डालना पड़ेगा, तब जाकर समस्या का समाधान संभव है। गुणवत्ताहीन निर्माण के कारण तत्कालीन सरपंच ने इस कार्य को पंचायत में हैंडओवर नहीं लिया है।
0 अब तो टंकी भी सीपेज होने लगी है, कार्य की गुणवत्ता पर सवाल है
दादरकला पंचायत के वर्तमान सरपंच जीवराखन सिंह ने कहा है कि नल-जल योजना के तहत निर्मित टंकी और बिछाई गई पाइप लाइन का लाभ दिलाने के लिए प्रशासन को आवश्यक उपाय करना चाहिए। इसके बारे में पीएचई विभाग के अधिकारियों से कहा जा चुका है लेकिन कोई ध्यान गंभीरतापूर्वक नहीं दिए जाने से 4 साल में एक बूंद पानी भी ग्रामीणों को नहीं मिल सका है। अब तो टंकी भी सीपेज होने लगी है। निर्माण और पाइप की गुणवत्ता पर सवाल तो उठना जायज है। घटिया निर्माण करने वाले ठेकेदार पर कार्रवाई होनी चाहिए और जिन अधिकारियों के देख-रेख में यह निर्माण हुआ, उसकी भी जिम्मेदारी बनती है। पंचायत क्षेत्र में 20 हैण्डपंप चालू हालत में होने से ग्रामीणों को पानी की दिक्कत तो नहीं होती लेकिन गर्मी के मौसम में समस्या बढ़ जाती है। पंचायत द्वारा सिन्टैक्स की टंकियां भी लगवाकर पानी की सुविधा दी जा रही है।