- डेंगू रोधी माह के तहत विशेषज्ञों ने सुझाए उपाय
- नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से कर रहा कार्य, रोगों का खात्मा
कोरबा (खटपट न्यूज)। हर रविवार मच्छर पर वार यानि सप्ताह में एक दिन घरों में जमें हुए पानी की सफाई कर डेंगू समेत जल जनित और कीट जनित रोगों से बचा जा सकता है। बीते साल कोरबा जिले में डेंगू के 19 मामले आए थे। इसे देखते हुए इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम संयुक्त रूप से कार्य कर भिन्न बीमारियों का खात्मा करने संकल्पित हैं। वैसे भी जुलाई माह यानि डेंगू रोधी माह है, इसे देखते हुए जिले में डेंगू और जल जनित बीमारियों का खात्मा करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
इसके साथ ही डेंगू मच्छरों और जल जनित बीमारियों से पाने के लिए जानकारी को लेकर एक कार्यशाला भी बीते दिनों आयोजित हुई i जिसमें कीट और जलजनित रोगों के खात्मे के संबंध में विशेषज्ञों ने उपाय सुझाए। इसके बाद डेंगू रोधी माह के तहत स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के कर्मचारी घर में गमले, कूलर, पुराने टायर या अन्य स्थानों पर जमें हुए पानी को निकालने और घर के बाहर पानी जमाव नहीं रखने की सीख दे रहे हैं। साथ ही डेंगू, मलेरिया, जल जनित रोगों जैसे डायरिया, पीलिया और फ्लू आदि से बचाव के बारे में भी उपाय सुझा रहे हैं। सीएमएचओ कोरबा डॉ. बी.बी. बोर्डे के अनुसार कोरोना वायरस महामारी की जागरूकता एवं सर्विलेंस के लिए व्यापक पैमाने पर कार्य किया जा रहा है। वहीं जुलाई को डेंगू रोधी माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसलिए जिले में मच्छर पनपने के श्रोतों की सफाई की जा रही है। साथ ही टेमीफॉस का छिड़काव भी कराया जा रहा है। बीते दिनों कार्यशाला भी एक आयोजित हुई, जिसमें बरसात के मौसम में जल जनित और कीट जनित रोगों के बारे में जानकारी देकर जागरूक किया गया। इस दौरान सीपीएम अशोक सिंह, शहरी कार्यक्रम अधिकारी दीपक राज, एपीडेमोलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद, एएनएम एवं सुपरवाइजर मुख्य रूप से मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में वर्ष 2018 में कुल 44 मामले तो वर्ष 2019 में 19 मामले दर्ज किए गए। विभागीय प्रयास है कि जिले से डेंगू समेत संक्रामक रोगों पर भी निदान हासिल किया जा सके।
क्या है डेंगू – डेंगू एक वेक्टर जनित बीमारी है जो एक गम्भीर बीमारी है। अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो यह घातक हो सकता है। डेंगू 4 में से 1 बारीकी से संबंधित डेंगू वायरस के कारण होता है। ये वायरस वेस्ट नाइल संक्रमण और यहां तक कि पीले बुखार से संबंधित हैं।
डेंगू के लक्षण – डेंगू बुखार के लक्षण इसके संक्रमित होने के 6 दिन बाद दिखाई देने लगते हैं। अचानक और तेज बुखार डेंगू बुखार के सबसे आम लक्षणों में से एक है। अन्य लक्षणों में आंखों के पीछे दर्द, गंभीर सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मतली, थकान, उल्टी, त्वचा पर चकत्ते आना होता है।
बरतें विशेष सावधानी- कूलर और अन्य छोटे कंटेनरों (प्लास्टिक के कंटेनर, बाल्टी, इस्तेमाल किए गए ऑटो मोबाइल टायर, वाटर कूलर, पालतू पानी वाले कंटेनर और फूलों के फूल) से पानी सप्ताह में कम से कम एक बार हटाया जाना चाहिए। उपयुक्त लार्विसाइड्स का उपयोग जल भंडारण कंटेनरों के लिए किया जाना चाहिए जिन्हें खाली नहीं किया जा सकता है। पानी के भंडारण कंटेनरों को ढक्कन के साथ कवर किया जाना चाहिए। मच्छरों के काटने से रोकने के लिए दिन के समय में भी सावधानी रखनी चाहिए। ट्रांसमिशन सीज़न (बरसात के मौसम) के दौरान, सभी व्यक्ति ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जो हाथ और पैर को कवर करते हैं। मच्छरदानी का इस्तेमाल सोते समय किया जा सकता है।
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