कोरबा-बालकोनगर (खटपट न्यूज)। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) को डन एंड ब्रैडस्ट्रीट ने देश के शीर्ष 150 गैर सूचीबद्ध कंपनियों की सूची में शामिल किया है। डन एंड ब्रैडस्ट्रीट ने वर्ष 2021 के लिए देश की शीर्ष 500 कंपनियों की सूची जारी की है। सूची में उन कंपनियों को शामिल किया गया है जो पर्यावरण, सामाजिक उत्तरदायित्व तथा गवर्नेंस के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए व्यवसाय को नए आयाम दे रहे हैं।
डन एंड ब्रैडस्ट्रीट ने ‘भारत के शीर्ष 500 कंपनीÓ की अपनी सूची में विभिन्न क्षेत्रों से देश के उन प्रमुख कंपनियों को शामिल किया है जो अर्थव्यवस्था की मजबूती में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस वर्ष की थीम है – ”लेइंग द फाउंडेशन फॉर एन ईएसजी रेडी कॉरपोरेट इंडियाÓÓ। विश्वस्तरीय प्रबंधन, उच्च गुणवत्ता के एल्यूमिनियम उत्पादन, ग्राहक संतुष्टि, नवाचार, सामुदायिक विकास, पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन, गवर्नेंस, कुल आय, लाभप्रदता, बाजार पंूजीकरण आदि मानदंडों के आधार डन एंड ब्रैडस्ट्रीट की सूची में बालको को स्थान मिला।
बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक अभिजीत पति कहते हैं कि ऐसे सम्मान पर्यावरण, सामुदायिक उत्तरदायित्व एवं गवर्नेंस के मानदंडों के प्रति बालको के मनोबल को मजबूती देते है। औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण प्रबंधन, सामुदायिक विकास तथा बेहतरीन प्रशासन के प्रति बालको कटिबद्ध है। देश की सतत उन्नति में योगदान के लिए बालको ने अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों को बढ़ावा दिया है।
कोरबा स्थित होटल आशीर्वाद-इन के सीएमडी नवीन अरोरा ने बालको के उत्कृष्ट पर्यावरण प्रबंधन की प्रशंसा की है। श्री अरोरा कहते हैं कि बालको ने देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, विश्वस्तरीय प्रचालन, पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में उत्कृष्ट कार्य किए हैं। उन्होंने बालको के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं।
सामुदायिक विकास के क्षेत्र में बालको ने जिला प्रशासन और स्थानीय जन प्रतिनिधियों के समन्वयन में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई है। स्थानीय स्तर पर ही 5000 से अधिक एमएसएमई बालको की प्रगति से जुड़े हैं। ‘शून्य क्षति, शून्य अपशिष्ट, शून्य उत्सर्जनÓ नीति के अनुरुप बालको व्यवसाय के उच्च मानदंडों का पालन करता है। प्रचालन क्षेत्र से लगे गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण, आधारभूत संरचना विकास की परियोजनाओं से जरूरतमंदों को विकास की मुख्यधारा से जुड़ने में मदद मिल रही है। साढ़े पांच दशकों में बालको की भागीदारी से लोगों के जीवन स्तर में सकारात्मक परिवर्तन हुए हैं।