आपातकाल की मनोवृत्ति वाले तत्व और संगठन आज भी मौजूद
कोरबा (खटपट न्यूज)। छत्तीसगढ़ सहित कांग्रेस शासित चंद राज्यों में हालात चिंताजनक हैं। महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल में इसे देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में भी सरकार से असहमत लोगों के अभिव्यक्ति के आजादी को खत्म करने का प्रयास होता है, जैसा इंदिरा गांधी ने किया था। कांग्रेस ने बांटो और राज करो के विभाजनकारी सिद्धांत को हमेशा मूल मंत्र की तरह अपनाया है। आपातकाल भले ही 1977 में खत्म हो गया लेकिन इस मनोवृत्ति वाले तत्व और संगठन आज भी मौजूद है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में सभी तरह के माफियाओं का राज है। यह सरकार हर मोर्चे और अपने वादों को निभाने में विफल रही है।
प्रदेश के पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कोरबा प्रवास के दौरान प्रेस क्लब तिलक भवन में आपातकाल की बरसी पर आयोजित पत्रवार्ता में यह बातें कही। उन्होंने कहा कि वर्ष 1971 के बाद कांग्रेस में अलोकतांत्रिक भ्रष्टाचार, अराजकता, तानाशाही का माहौल व्याप्त हो गया। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने भारत में आपातकाल घोषित था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तब के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कहने पर भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन आपातकाल लगा दिया था। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह सबसे अलोकतांत्रिक काल था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय इतिहास की सर्वाधिक काली अवधि कहा था। आपातकाल के दौरान देश में दमन पैदा हो गया, लोग अपने अधिकारों को इस्तेमाल नहीं कर सकते थे। देश के तमाम स्वयंसेवक एवं हिंदू सेना के लोगों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। गैर कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी हुई। अविभाजित मध्यप्रदेश के भी सारे नेता गिरफ्तार किए गए थे। इस दौरान 3801 अखबारों को जप्त किया गया, 327 पत्रकारों को मीसा कानून के तहत जेल में बंद कर दिया गया था 290 अखबारों में सरकारी विज्ञापन बंद कर दिए गए वहीं विदेशी अखबारों के पत्रकारों को वापस जाने का हुक्म दिया गया था।
अमर अग्रवाल ने कहा कि आपातकाल भले ही 1977 में खत्म हो गया लेकिन इस मनोवृत्ति वाले तत्व और संगठन आज भी मौजूद हैं। प्रदेश के विषय में कहा कि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार में सभी तरह के माफियाओं का राज है। यह सरकार हर मोर्चे और अपने वादों को निभाने में विफल रही है। विगत दिनों राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल द्वारा अपने एक भाषण में प्रदेश को भाजपा मुक्त बनाने संबंधी उद्बोधन के सवाल पर अमर अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस राजस्व मंत्री की काबिलियत को पहचान नहीं पा रही है, उन्हें प्रदेश का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए। एक अन्य सवाल पर कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर में अव्यवस्थाओं का बोलबाला था, व्यवस्थाएं चरमराई हुई थी, सरकार के नियंत्रण से बाहर था। पत्रवार्ता में भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष लखन लाल देवांगन, जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विकास महतो, जागेश लांबा, अशोक चावलानी, वरिष्ठ नेता गोपाल मोदी, मनोज मिश्रा, पवन सिन्हा, नरेश टंडन, लक्ष्मी देवांगन आदि मौजूद रहे।