रायपुर (खटपट न्यूज)। छत्तीसगढ़ में संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम ही नहीं ले रही है जिसे देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार लॉकडाउन 5 मई तक बढ़ाया जा सकता है लेकिन इस संबंध में राज्य शासन ने अंतिम निर्णय लेने का अधिकार कलेक्टरों पर छोड़ दिया है। अपने-अपने जिलों की स्थिति अनुसार वे निर्णय लेंगे।
राजधानी समेत सूबे में लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण की रफ़्तार कम ना होने और मरीज़ों की संख्या में लगातार वृद्धि ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है ? चिकित्सा विज्ञानी मानते हैं कि न्यूनतम चौदह दिन का लॉकडाउन जरुरी है, और यदि इस बीच संक्रमण की रफ़्तार में कमी ना आए तो उसे और बढ़ाना चाहिए।
कोरोना के इस स्ट्रेन को लेकर अभी तक जो जानकारी वैज्ञानिक जुटा पाए हैं उनमें यह बेहद अहम है कि यह समुह में फैलते हुए अपने गुणसूत्र बदल रहा है। याने कि यह तब तब और अबूझ पहेली बनेगा जबकि इसे भीड़ वाली या ज़्यादा संख्या का समुह मिलेगा। यह नया स्ट्रेन कैसे थमेगा इसके लिए कोई निश्चित जवाब नहीं है सिवा इसके कि संक्रमण की चेन को ब्रेक किया जाए जो हालिया दौर में लॉकडाउन के अलावा किसी रुप में संभव नहीं है।
छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार अभी केवल बढ़ते क्रम में है, याने अभी पीक पर आना बचा है और जबकि यह पीक पर आएगा उसके बाद इसके नीचे उतरने का समय आएगा। लगातार खुद को बदलने में सफल हो रहे कोरोना का यही गुण वैज्ञानिकों को बेहतर और रामबाण इलाज खोजने में मुश्किलें खड़ी कर रहा है।
इन सबकी वजह से कि संक्रमण की रफ़्तार पर ब्रेक नहीं है, या कि कम से कम इतना प्रभावी अंतर नहीं आया है कि संतुष्ट हुआ जा सके, इसलिए यह चर्चाएँ ज़ोरों पर हैं कि राजधानी समेत सूबे में लॉकडाउन में बढ़ोतरी हो सकती है।
इस मसले पर अब से कुछ देर पहले राज्य सरकार ने कलेक्टरों को अंतिम निर्णय करने का फ़ैसला दे दिया है, याने वे स्वयं समीक्षा करें और यदि उन्हें लगता है कि लॉकडाउन बढ़ाना है तो बढ़ाएँ, कलेक्टर ही दिनों की अवधि भी तय करेंगे, यह भी संभव है कि कड़ाई के साथ छूट दी जाए और लोगों को समुह में मौजुदगी से रोकने की व्यवस्था की जाए।