बिलासपुर/जांजगीर-चाम्पा(खटपट न्यूज़)। भू-अर्जन प्रकरण का उच्च न्यायालय के आदेशानुसार समयबद्ध निराकरण न करने पर कलेक्टर को अवमानना का नोटिस जारी किया गया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जांजगीर-चाम्पा जिला निवासी कुशल प्रसाद, महेत्तरीन बाई सहित अन्य की भूमि शासन द्वारा सड़क निर्मांण हेतु अर्जित कर ली गयी थी किंतु भू- अर्जन के बाद भी किसी प्रकार का मुआवजा प्रदान नहीं किया गया और न ही अवार्ड पारित किया गया। मुआवजा प्रदान करने हेतु भू-स्वामियों द्वारा निरंतर कई वर्षो तक उच्चाधिकारियो से निवेदन किया गया। भू-अर्जन हेतु प्रारम्भिक अधिसूचना का प्रकाशन वर्ष 2015 में किया गया किंतु मुआवजा प्रदान नहीं किया गया। शासन की उदासीनता से क्षुब्ध होकर उनके द्वारा उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत किया गया। उच्च न्यायालय ने याचिका का संज्ञान लेते हुए छह माह में भू-अर्जन प्रकरण पूर्ण करने का आदेश दिया है। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी न ही भू-अर्जन की कार्यवाही पूर्ण की गयी और न ही अवार्ड पारित कर मुआवाजा वितरण किया गया। इसके विरुद्ध याचिकाकर्ताओं द्वारा अधिवक्ता सुशोभित सिंह के माध्यम से अवमानना याचिका प्रस्तुत की गयी। उच्च न्यायालय ने याचिका पर संज्ञान लेते हुए जांजगीर-चाम्पा जिले के कलेक्टर य़शवंत कुमार, लोक निर्मांण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी को नोटिस जारी किया है।