Wednesday, February 5, 2025
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दीपका मंडल में चर्चित युवा नेता मंडल अध्यक्ष बनने की रेस में

कोरबा (खटपट न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनावों की प्रक्रिया तेज हो गई है। पहले चरण में बूथ कमेटियों का चुनाव होगा, इसके बाद 1 दिसंबर से मंडल अध्यक्ष और 15 दिसंबर से जिलाध्यक्षों का चुनाव होना है। इस बार राष्ट्रीय संगठन ने मंडल अध्यक्ष पद के लिए 45 वर्ष और जिलाध्यक्ष पद के लिए 60 वर्ष की आयु सीमा तय की है।

इस नियम ने कोरबा जिले के दीपका मंडल में चुनावी समीकरण बदल दिए हैं। कई दिग्गज नेता जैसे द्वारिका शर्मा, महेंद्र सिंह, रमेश गुरुद्वान, धरम तिवारी और राजेंद्र राजपूत उम्र सीमा के कारण रेस से बाहर हो गए हैं। वहीं, युवा चेहरे जैसे विशाल अग्रवाल जो चर्चित युवा नेता है जिन्होंने बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ खुल कर चुनाव प्रचार करने का आरोप लगा था जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही का डंडा भी चलाया गया था बाद में भाजपा का दामन फिर थाम कर झंडा बुलंद करने का काम कर रहे है इस बार मंडल अध्यक्ष बनने की रेस में है वही भाजपा मंडल अध्यक्ष बनने अनूप यादव, राधेश्याम सिंह, राजू प्रजापति, रोहित जायसवाल, विकास सोनी, निलेश साहू और राजेंद्र साहू अब प्रमुख दावेदार बनकर उभरे हैं। इन सबसे अलग विशाल अग्रवाल जिन्हें ज्योतिनंद दुबे का समर्थन प्राप्त है जिन्हें पाली का चुनाव प्रभारी बनाया गया था व नियुक्ति के बाद हटाया भी गया व पवन गर्ग को नया प्रभारी बनाया गया अब देखना होगा संगठन में ज्योतिनंद दुबे अपनीं पकड़ का कितना लाभ उठा सकते है वही कटघोरा के सहज व सरल विधायक प्रेमचंद पटेल को अनदेखी कर ये दावेदार कितना सफल हो सकते है यह संगठन चुनाव के दिन ही पता लग सकेगा
बदले समीकरणों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योति नंद दुबे के करीबी माने जाने वाले विशाल अग्रवाल मंडल अध्यक्ष की रेस में सबसे मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं। उनकी सक्रियता और संगठन के प्रति योगदान ने उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बना दिया है। वही पूर्व राज्य खाद आयोग अध्यक्ष ज्योति नंद दुबे ने बताया कि प्रदेश में 405 मंडलों के लिए चुनाव होंगे। मंडल अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार का सक्रिय सदस्य होना, संगठन में किसी पद पर काम करने का अनुभव और आयु सीमा के भीतर होना अनिवार्य है।
दीपका मंडल में चुनावी गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है, क्योंकि आगामी नगरीय निकाय और नगर पंचायत चुनावों में संगठन की भूमिका अहम होगी। नए नेतृत्व से कार्यकर्ताओं और जनता को बेहतर समन्वय और परिणामों की उम्मीद है।

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