कोरबा। जिले में कलेक्ट्रेट से लेकर जिला पंचायत और नगर निगम को कोरोना अपनी चपेट में लेता जा रहा है। जिस तेजी से सरकारी कर्मियों में भी इसका प्रसार हुआ है उससे सभी अधिकारी-कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट जल्द से जल्द कराने की जरूरत है किंतु अधिकारी वर्ग अपने कर्मचारियों की अपेक्षा उतने सक्रिय नहीं दिख रहे।महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी व कर्मचारी जिनका आमजनों या कामकाज के सिलसिले में खास लोगों, जनप्रतिनिधियों तक आना-जाना लगा रहता है, उनका टेस्ट तो और भी जरूरी है। सभी विभागों के अधिकारी अब भी जांच के प्रति उदासीन बने हुए हैं जिससे उनके अधीनस्थ कर्मचारियों में भय बना हुआ है।
बताया जा रहा है कि नगर निगम के अधिकारी बिलकुल भी कोरोना जांच नहीं करा रहे हैं, जबकि छोटे कर्मचारी बहुत ही सक्रिय हैं व जांच कराते हुये अक्सर नजर आ जायेंगे।
नगर निगम के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि एक शीर्ष अधिकारी का एक चपरासी और एक कम्प्यूटर ऑपरेटर कोरोना पाॅजिटिव आ चुके हैं, जबकि खुद इस अधिकारी का कोरोना टेस्ट होना बाकी है। उनके द्वारा इसके लिए रुचि नहीं लेने से कई तरह के सवाल भी निगम कर्मियों के मन में उमड़े हैं। बताया जा रहा है कि इस अधिकारी के पास दो चपरासी और हैं जिसमें एक महिला चपरासी व एक बुजुर्ग पुरूष चपरासी हैं, इन दोनों का रिपोर्ट आना बाकी है। इसी तरह और भी कई जिम्मेेदार अधिकारी अपनी कोरोना जांच के प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं जबकि कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल, निगम आयुक्त एस जयवर्धन ने इस हेतु स्पष्ट निर्देशित किया है।