Friday, October 18, 2024
Homeकोरबाएसईसीएल को 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन का मिला लक्ष्य

एसईसीएल को 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन का मिला लक्ष्य


कोरबा (खटपट न्यूज)। एसईसीएल को सालाना 197 मिलियन टन कोयला उत्पादन का टारगेट दिया गया है। इस लक्ष्य का अधिकांश कोयला जिले की तीनों मेगा परियोजना गेवरा दीपका और कुसमुंडा से खनन किया जाना है। वित्तीय वर्ष के आठ माह में तीनों ही मेगा परियोजना लक्ष्य से पीछे चल रही है।
कोयला उत्पादन में मेगा परियोजनाओं के पिछडऩे से एसईसीएल मुख्यालय के अफसर चिंतित हैं। स्थानीय प्रबंधन पर जमीन से संबंधित समस्या का हल निकालने दबाव है। विस्तार में देरी हो रही है। कोयला उत्पादन को लेकर मेगा परियोजनाओं की स्थिति एसईसीएल के लिए संतोषजनक नहीं है। मेगा परियोजनाओं में ऊत्पादन में पिछड़ता जा रहा है। इसका असर रोजाना कोयला खनन के लक्ष्य पर पड़ रहा है। मंजिल तक पहुंचने के लिए एसईसीएल की मेगा परियोजनाओं के प्रबंधन पर रोजाना भारी भरकम कोयला खनन का दबाव है। वर्तमान साधन संसाधन के बूते यह राह मुश्किल दिखाई दे रही है। चालू वित्तीय वर्ष में कुसमुुंडा प्रबंधन के समक्ष 50 मिलीयन टन कोयला उत्पादन की चुनौती है। यहां तक पहुंचने के लिए प्रबंधन लगातार प्रयास कर रहा है। मगर बड़ी मुश्किल 1.60 लाख टन से लेकर 1.70 लाख टन कोयला बाहर निकल पा रहा है।इधर नवंबर का महीना एसईसीएल के लिए संतोषजनक रहा है। नवंबर में कंपनी ने 14.76 मिलीयन टन कोयला उत्पादन किया है। इसमें मेगा प्रोजेक्ट गेवरा का योगदान सबसे अधिक है। कुसमुंडा और दीपका बदौलत एसईसीएल 14 मिलीयन टन तक पहुंचा है। इससे स्थानीय प्रबंधन के साथ-साथ कोयला कंपनी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
0 विस्तार में बनी हुई है चुनौती
वर्तमान में दीपका खदान का विस्तार ग्राम मलगांव की ओर हो रहा है। खदान गांव की बस्ती तक पहुंच गया। यहां से आगे नहीं बढ़ सक रहा है। इसकी बड़ी वजह स्थानीय लोगों का बढ़ता विरोध है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रबंधन ने खदान विस्तार के लिए उनकी गांव की जमीन का अधिग्रहण् किया है। प्रबंधन ने जमीन बदले पात्र लोगों को कंपनी में स्थाई नौकरी, बसाहट और पुनर्वास देने का वादा किया था। अस्थाई रोजगार का भरोसा दिया था। मगर अभी तक कंपनी ने अपना वादा पूरा नहीं किया है।
0 कोयला उत्पादन पर पड़ रहा असर
एसईसीएल प्रबंधन ने दीपका खदान से चालू वित्तीय वर्ष में 40 मिलियन टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य रखा है। दिसंबर चालू हो गया है। मगर उत्पादन 18.39 मिलियन टन हुआ है। जबकि अभी तक 22.21 मिलियन टन कोयला खनन किया जाना था। जमीन नहीं मिलने से दीपका प्रबंधन कोयला खनन के रोजाना लक्ष्य को पूरा नहीं कर सक रहा है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए दीपका प्रबंधन को रोजाना एक लाख 35 हजार टन कोयला बाहर निकालने की जरुरत है। मगर बड़ी मुश्किल से 75 हजार टन कोयला उत्पादन हो रहा है।

    Google search engine

    Google search engine
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments