कोरबा (खटपट न्यूज़)। भारत सरकार द्वारा हर गरीब और झोपड़ी/कच्चे मकान में रहवासी को पक्की छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण कर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना में र्भ्ष्टाचार की शिकायतें अक्सर सामने आती रही हैं । इसी कड़ी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें सर्व सम्पन्न व नौकरीपेशा को आवास योजना का पात्र बताकर स्वीकृति दी गई है।
ज्ञात हुआ है कि कोरबा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत कुदमुरा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फार्म भरकर पात्रता सूची जनपद मुख्यालय कोरबा भेजी गई है। जिन 34 लोगों का नाम पात्र- अपात्र सूची में है, उनमें सेठ-साहूकार और नौकरीपेशा लोग भी पात्र हैं जबकि पात्रता सूची में नाम न होने पर कई लाभार्थियों को पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा। इस तरह की सूची से लोगों में आक्रोश व्याप्त है एवं पात्रता सूची के चयन में भेदभाव और लापरवाही का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है।
बड़ा सवाल यह उठता है कि पात्रता के मानक पर खरे उतरने वाले लाभार्थियों का जब एक बार चयन कर लिया जाता है तो उन्हें अपात्र कैसे ठहराया जा सकता है जबकि पात्र को सूची में जगह नहीं मिलती, जो सम्पन्न लोग हैं उन्हें पात्रता की सूची में कैसे शामिल किया जा सकता है?
जाहिर सी बात है कि अपने करीबियों को आवास दिलाने के लिए वे पात्रों का गला घोंट देते हैं। विभागीय अधिकारी भी उन्हीं की आंख से देखते हैं इसलिए गांव के कई वास्तविक पात्र व्यक्तियों को आवास नहीं मिल पाता ।
-सेठ-साहूकार और नौकरीपेशा जिनको किया गया पात्र
जनपद मुख्यालय से पात्र-अपात्र का अनुमोदन /चयन के लिए ग्राम पंचायत को भेजी गई सूची को पंचायत सरपंच द्वारा अनुमोदन पश्चात जनपद को प्रेषित किया गया जिसमें अजय कुमार अग्रवाल(व्यवसायी), प्यारेलाल श्रीवास (पोस्टमाटर), मनोज कुमार अग्रवाल(व्यवसायी), अश्विनी साहू (स्वास्थ्य विभाग) से हैं। इस सूची को लेकर पंचायत में काफी नाराजगी की खबर है।