0 शराबियों की जेब पर डाका डालकर अपनी जेब भर रहे सेल्समैन,अधिकारी नींद में
कोरबा(खटपट न्यूज़)। जिले में आबकारी विभाग का अमला और अधिकारी अधिकांशत: नींद में गाफिल हैं और इसका फायदा उठाकर कई दुकानों के सेल्समैन देशी और विदेशी शराब में पानी मिलाकर बेच रहे हैं। इनके द्वारा शराब के उपभोक्ताओं की जेब पर डाका डालकर अपनी जेब भरने का काम किया जा रहा है। शराब का नशा चढ़ने की प्रत्याशा में उपभोक्ता कई बार शराब खरीदते हैं जिससे उन पर आर्थिक बोझ भी बढ़ता है। शराब के लिए रूपयों की पूर्ति हेतु गलत रास्ते का भी वे चयन कर लेते हैं जिससे अपराध को भी बढ़ावा मिल रहा है। शराब दुकानों के सेल्समैनों के द्वारा किए जा रहे गलत कार्यों के कारण शासन व आबकारी विभाग की भी बदनामी हो रही है।
पूर्व से इस तरह की शिकायत शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र के देशी और विदेशी शराब दुकानों में सामने आती रही है। राताखार, स्टेडियम मार्ग, कुसमुंडा, हरदी बाजार के शराब दुकान इस मामले में काफी चर्चित हैं। शराब में मिलावटखोरी की लगातार मिल रही शिकायतों के मध्य आज देर शाम आबकारी अमले की टीम ने कुछ पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर ट्रांसपोर्ट नगर स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में दबिश दी। सूचनाओं के मुताबिक अमले के द्वारा अपने साथ एक मापक यंत्र भी रखा गया था जिसके द्वारा अंग्रेजी शराब में की गई मिलावट की जांच मौके पर ही की गई। जिन शराब की बोतलों में पानी मिलाया गया था, उसे अलग रखा गया और लगभग तीन से चार पेटी मिलावटी शराब यहां से अमले ने बरामद कर जप्त किया है। सूत्र बताते हैं कि आबकारी विभाग ने टीपी नगर शराब दुकान से एक्सपायरी डेट की बीयर भी जप्त किया है। हालांकि इस पूरे मामले में विभागीय तौर पर कोई भी जानकारी साझा नहीं की जा रही है जिससे पूरे प्रकरण की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन इस तरह की कार्यवाही से मिलावटी शराब बेच रहे सेल्समैन और उनके संरक्षकों में एकबारगी हड़कंप जरूर मची है।
0 कुसमुंडा की दुकान काफी चर्चा में
कुसमुंडा स्थित देशी शराब की दुकान में मिलावट वाली शराब परोसी जा रही है। बीच में कार्यवाही की औपचारिकता के बाद कुछ दिनों के लिए मिलावट के खेल को बंद कर दिया गया था लेकिन पिछले कुछ महीनों से एक बार फिर देशी शराब की दुकान में मिलावट की गई शराब परोसने का कार्य किया जा रहा है। कोयलांचल होने के कारण मदिरा प्रेमियों की संख्या भी अन्यान्य कारणों से ज्यादा है और इन्हें मिलावट वाली शराब परोस कर अतरिक्त आय अर्जित की जा रही है। आबकारी विभाग की कार्यवाही नहीं होने से मौन सहमति मानी जा रही है।
0 सरकार के उपायों को धता बता रहे सेल्समैन
राज्य शासन के द्वारा प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से शराब की बिक्री कराई जा रही है। इससे जहां रोजगार के साधन विकसित किए गए हैं वहीं अवैध शराब विक्रय के कारोबार को रोकने के लिए तय किया गया था कि बारकोड के जरिए और एक ग्राहक को निर्धारित मात्रा में ही शराब बिक्री किया जाएगा, लेकिन यहां तो पेटी-पेटी शराब खरीद कर अवैध शराब बिक्री को ही बल देने में सेल्समैन और आबकारी अमले की मिली भगत हो रही है। यही कारण है की गली-कूचे में देशी-विदेशी शराब आसानी से उपलब्ध हो रही है। शासन द्वारा लागू किए गए नियमों का कहीं भी पालन नहीं हो रहा है और ना ही आबकारी विभाग के अधिकारी से लेकर मैदानी अमला सरकार के शराब विक्रय संबंधी नियमों का पालन करा पा रहे हैं। यह अमले की नाकामी है या फिर इसके पीछे और भी कोई बात है, यह तो अधिकारी ही जानें लेकिन अवैध शराब की बिक्री रोकने में आबकारी महकमा पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। अवैध शराब पकड़ने के मामलों से लेकर गांजा व अन्य मादक द्रव्यों की धर पकड़ का काम पुलिस के कंधे पर ही है।