कोरबा(खटपट न्यूज़)। पहले कोरोना काल और अब बेमुद्दत हड़ताल की वजह से अनेक सरकारी स्कूलों में अध्ययन-अध्यापन कार्य में बाधा लगातार जारी है जबकि हड़ताल से बाहर रहने वाले संगठन से जुड़े शिक्षकों वाले स्कूल खुल रहे हैं। बंद स्कूलों के विद्यार्थी परेशान हैं।
छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश भर में हड़ताल चल रही है और अनेक सरकारी स्कूलों में भी ताला लटका हुआ है। ऐसे में स्कूलों के प्राथमिक से लेकर हायर सेकेंडरी कक्षा के विद्यार्थियों की पढ़ाई चौपट हो रही है।अपने कोर्स के अधूरा होने और शिक्षा व्यवस्था ठप होने से परेशान विद्यार्थियों ने पाली ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी से गुहार लगाई है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला पाली के विद्यार्थियों ने खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचकर जिला शिक्षा अधिकारी के नाम आवेदन देते हुए आग्रह किया है कि उनके पढ़ाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कराई जाए। वैकल्पिक तौर पर शिक्षकों की व्यवस्था कर स्कूलों को खुलवाया जाए ताकि उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से चल सके।
बता दें कि हड़ताल की वजह से सभी तरह के शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हुई है। वैकल्पिक तौर पर जिन्हें व्यवस्था में लगाया गया है उनके द्वारा भी कार्यों में हीला हवाला दिया जा रहा है। लिपिक संघ ने जहां अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया था वहीं 1-2 जिले को छोड़कर कोरबा सहित प्रदेश के सभी जिलों में लिपिक वर्ग भी हड़ताल पर कायम है। हड़ताल पर चले जाने की वजह से विद्यार्थियों के लिए आवश्यक जाति, निवास, आमदनी प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे हैं। इन प्रमाणपत्रों की आवश्यकता न सिर्फ सरकारी स्कूल के बच्चों को होती है बल्कि निजी स्कूलों और सीबीएसई पाठ्यक्रम स्कूलों में अध्यनरत बच्चों को भी इसकी जरूरत पड़ रही है। चूंकि हड़ताल छत्तीसगढ़ राज्य में जारी है लेकिन सेंट्रलाइज व्यवस्था के तहत संचालित होने वाले सीबीएसई स्कूलों में जिन विद्यार्थियों को जाति,निवास, आय प्रमाण पत्र जमा करने हैं,उन्हें दी जाने वाली समय सीमा समाप्ति की ओर है। ऐसे में इन विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए काफी दुविधा की स्थिति बनी हुई है जो सीबीएसई के स्कूलों में अपने बच्चों के आगामी कक्षा की पढ़ाई के लिए जातिगत मिलने वाले लाभ के हकदार हैं।