रायपुर (खटपट न्यूज़)। कई महिलाओं को माहवारी से पहले व इसके दौरान पेट के निचले हिस्से में असहनीय दर्द की समस्या होती है लेकिन वो इसे नजरअंदाज करती रहती हैं जबकि ये प्रजनन अंग से जुड़ी बड़ी समस्या हो सकती है। महिला के शरीर में गर्भाशय से जुड़ी समस्याओं के कारण कई बार उन्हें निःसंतानता का सामना करना पड़ सकता है। ऐसा ही एक मामला रायपुर में सामने आया है। जहां एक महिला में यूनिकोर्नेट गर्भाशय की दुर्लभ स्थिति पायी गयी जिसके कारण गर्भाशय का आकार सामान्य से आधा होता है। अल्पविकसित गर्भाशय के कारण महिला को पांच साल तक निःसंतानता का सामना करना पड़ा। इसके बाद उसे इन्दिरा आईवीएफ में तकनीकी विशेषज्ञता और और एक्सपर्ट डॉक्टर द्वारा उचित इलाज से पहले ही प्रयास में गर्भधारण हो गया ।
इन्दिरा आईवीएफ रायपुर की आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रश्मि ने बताया कि सेंटर में आने से पहले 27 वर्षीय लक्ष्मी (बदला हुआ नाम) में अविकसित गर्भाशय होने शिकायत जांचों में सामने आयी थी और 29 वर्षीय पति संजीव (बदला हुआ नाम) की कोई जांच नहीं की गयी थी । इन्दिरा आईवीएफ में पति और पत्नी दोनों की उचित जांच के बाद यह पाया गया कि लक्ष्मी का छोटे आकार का यूनिकोर्नेट गर्भाशय था और संजीव के शुक्राणुओं की संख्या कम थी।
इन्दिरा आईवीएफ के एक्सपर्ट डॉक्टर्स की सलाह और अत्याधुनिक तकनीक से दम्पती के उपचार के रूप में तीन महीने के लिए हार्मोनल ट्रीटमेंट के बाद हिस्टेरोस्कोपी का मार्ग चुना गया। केस की जटिलता को देखते हुए आईवीएफ तकनीक के माध्यम से एक ही भ्रूण को गर्भाशय में स्थानान्तरित किया गया. इससे गर्भधारण हुआ और सफल गर्भावस्था के 12 सप्ताह हो गये हैं।
इन्दिरा आईवीएफ के सीईओ और सह-संस्थापक डॉ. क्षितिज मर्डिया ने कहा कि हम समझते हैं कि भारत में निःसंतानता एक चिकित्सा समस्या होने के साथ साथ सामाजिक समस्या भी है। उपचार से गुजर रहे दम्पतियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें परिणाम की सफलता एक प्रमुख चिंता है। इसलिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आईवीएफ चक्र के परिणामस्वरूप गर्भधारण की संभावना अधिक हो अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं कि जो मरीज हमारे पास आता है सफल परिणाम देकर हम उसकी चिंता समाप्त करें।
भारत की अग्रणी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ अपनी उच्च सफलता दर का श्रेय क्लोज्ड वर्किंग चैंबर्स जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी के अपने सेंटर में उपयोग को देती है। इन्दिरा आईवीएफ की शुरूआत संतान सुख की इच्छा रखने वाले दम्पतियों को रियायती दरों में अत्याधुनिक आईवीएफ उपचार प्रदान करने के उद्देश्य से की गयी थी। छत्तीसगढ़ के टियर टू और टियर श्री शहरों से मांग को देखते हुए इन्दिरा आईवीएफ के वर्तमान में बिलासपुर और रायपुर में दो केंद्र सफलतापूर्वक संचालित किये जा रहे हैं।
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