दंतेवाड़ा (खटपट न्यूज)। देश में ऐसा पहली बार होगा जब आजादी के खास मौके पर जिले के 15 गांव के ग्रामीण नक्सलवाद से मुक्ति का जश्न मनाएंगे। इन गांवों की सूची बनाने पुलिस तैयारियों में जुट गई है। पुलिस अफसरों और जवानों के द्वारा उन गांवों का सर्वे भी किया जा रहा है। खास बात यह है कि देश में यह पहला मौका होगा, जब आजादी के दिन इतने गांवों को नक्सल मुक्त करने की आधिकारिक घोषणा होगी।
दंतेवाड़ा जिले के गांवों को तीन कैटेगरी रेड, ग्रीन और यलो जोन में रखा गया है। दंतेवाड़ा जिले के गांवों को तीन कैटेगरी रेड, ग्रीन और यलो जोन में रखा गया है। दंतेवाड़ा के अंदरूनी 20 गांवों का चयन किया गया है। वहां के ग्रामीण भी बदलाव का बंद लिफाफे में फीडबैक देंगे। गांवों में सर्वे होगा और 20 में से 15 गांवों की फाइनल सूची बनेगी। फिलहाल दंतेवाड़ा के गांवों को संवेदनशीलता के हिसाब से 3 कैटेगरी रेड, ग्रीन और यलो जोन में रखा गया है। दंतेवाड़ा की 149 ग्राम पंचायतों में से 33 गांव रेड जोन, 42 यलो जोन और शेष 72 गांव को ग्रीन जोन में रखा गया है। रेड जोन के 33 ऐसे गांव है जो पूरी तरह से नक्सलियों के कब्जे में हैं।
दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण इलाके के सबसे ज्यादा गांव नक्सलियों के कब्जे में रहे हैं। पुलिस का सबसे ज्यादा फोकस इसी इलाके में ही रहा है। इस इलाके में नक्सलियों की कटेकल्याण एरिया कमेटी सक्रिय है। वर्दीधारी हथियारबंद हार्डकोर नक्सली जगदीश, मंगतू, बुधरा सहित कई नक्सली सक्रिय रहकर तांडव मचाते हैं। वहीं कटेकल्याण क्षेत्र में चिकपाल, तुमकपाल, टेटम, बड़े गुडरा, कुआकोंडा क्षेत्र में पोटाली, समेली, नदी किनारे बसे गांव छिंदनार, बड़े करका, बोदली गांवों में सुरक्षा बलों का हालही में कैंप भी खुला है। जिसके कारण जवानों की इन इलाकों में थोड़ी पैठ बढ़ी है।
दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा सालभर पहले लोन वर्राटू यानी घर वापस आइए अभियान की शुरुआत की गई थी। इस अभियान का पुलिस को बड़ा फायदा मिला है। अभियान का फायदा उठाते हुए दंतेवाड़ा पुलिस के सामने अब तक 102 इनामी सहित कुल 386 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। इनमें कई कमांडर स्तर के नक्सली भी हैं, जिन्होंने माओवाद का दामन छोड़ा और मुख्यधारा में लौट आए हैं। ज्यादातर कटेकल्याण इलाके के माओवादियों ने सरकार के सामने अपने हथियार डाले हैं।
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले के नक्सल मुक्त गांवों की घोषणा 15 अगस्त को होगी। इस दिन हम उन गांवों की घोषणा करेंगे जो सालभर के अंदर नक्सलियों से आजाद हो गए हैं। बिंदु निर्धारित कर सर्वे कराया जा रहा है। जिले के 15 से 20 गांव नक्सलियों से आजाद हुए हैं। फाइनल सूची 15 अगस्त से पहले तैयार हो जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि ओडीएफ गांव, मलेरिया मुक्त गांव, गंदगी मुक्त गांव सहित अन्य सतरंगी सूत्र पर काम हो रहा है, वैसे ही अब नक्सल प्रभावित गांवों की पहचान नक्सलमुक्त गांव के नाम से भी होगी। प्रशासन के सामने प्रस्ताव भी रखेंगे कि ऐसे गांवों को भी विकास के लिए इनाम की राशि दी जाए।
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/digital-ad-4-november-copy.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/10/kpt-advt-November-24-scaled.jpg
https://khatpatnews.com/wp-content/uploads/2024/11/20x10.pdf