Sunday, September 8, 2024
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Google search engine
Homeकोरबाबालको का जर्जर राखड़ बांध बारिश में फूटा तो बोल्डर-पॉलीथिन व रेत...

बालको का जर्जर राखड़ बांध बारिश में फूटा तो बोल्डर-पॉलीथिन व रेत भरी बोरियों से कर रहा उपाय

0 ग्राम रुकबहरी के किसानों के खेत और नाला में बह रही राख
कोरबा-बालकोनगर(खटपट न्यूज)। बालको प्रबंधन अपने विद्युत संयंत्र के राखड़ बांध के रख-रखाव एवं समय-समय पर बांध के कई जगह से जर्जर होने के कारण स्थानीय लोगों को हो रहे नुकसान के प्रति अपेक्षाकृत जवाबदेह नहीं हो पा रहा है। कई जगह से तटबंध टूटने और राख का हो रहे रिसाव की वजह से निचले इलाके में मौजूद खेत और नाला राखड़ से बंजर एवं प्रदूषित होते जा रहे हैं। हाल ही में हुई तेज बारिश ने जर्जर हालत की पोल खोली तो अपनी गलती छिपाने के लिए बोल्डर, पॉलीथीन और रेत भरी बोरियों का सहारा लिया गया। प्रबंधन की इस तरह की लापरवाहियों से राखड़ बांध के आसपास के रहवासी किसी अनहोनी की आशंका से ग्रसित व चिंतित हैं।

बालको प्रबंधन के पास अपना एकमात्र राखड़ बांध है जो ग्राम रूकबहरी के निकट है। तत्कालीन एल्यूमिनियम संयंत्र के लिए बनाए गए रेडमड पांड को ही बाद में 540 मेगावाट विद्युत संयंत्र और 1200 मेगावाट संयंत्र से निस्तारित होने वाले राख का निस्तार के लिए राखड़ बांध का स्वरूप दिया गया। इसकी ऊंचाई बढ़ा-बढ़ाकर काम चलाया जा रहा है किंतु नया राखड़ बांध अब तक अस्तित्व में नहीं आया है। पांड के रेडमड को खाली कर अब इसी में राख बहाई जा रही है। काफी पुराना पांड होने और अपेक्षाकृत गुणवत्तापूर्वक रख-रखाव के अभाव में यह जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होकर रिस रहा है। राखड़युक्त पानी नीचे ग्राम रुकबहरी के खेतों में तथा रुकबहरी नाला में बहकर प्रदूषण फैला रहा है। पूर्व में हुई इस तरह की घटनाओं एवं इसकी शिकायतों से कोई सबक लेता हुआ बालको प्रबंधन नजर नहीं आ रहा। बीते माह 16-17 जून को हुई मूसलाधार बारिश ने उक्त बांध का एक बड़ा हिस्सा बह गया और आई हुई बड़ी दरार से बड़े पैमाने पर राखयुक्त पानी बहकर खेत और नाला में समा गया। इसकी जानकारी होने पर प्रबंधन के जिम्मेदार अधिकारी ने आनन-फानन में बोल्डर बिछवाकर बहाव को रोकने का जतन किया। इसके अलावा जगह-जगह आए दरार को रोकने तथा बारिश होने पर बांध को बचाने के लिए कई जगह पॉलीथिन बिछवाया गया है। सीमेंट की बोरियों में रेत भरकर बंधान बनाया गया है। इस तरह की काम चलाऊ व्यवस्था कर बालको प्रबंधन स्वयं और शासन-प्रशासन की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रहा है। इस लापरवाही से ग्रामवासी भी भयभीत हैं कि यदि इस मानसून में तेज बारिश हुई और बंध फूटा तो बड़ी तबाही हो सकती है।


0 कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन नहीं
बालको वेदांता प्रबंधन के द्वारा राखड़ बांध के उपरोक्त टूटे-फूटे हिस्से और दरार स्थल में मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है। इस कार्य में नियोजित मजदूरों से कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन भी नहीं कराया जा रहा है। मजदूर न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगाए नजर आए। जब शासन से लेकर प्रशासन तक बार-बार नियमों की अनदेखी न करने की अपील कर रहा है तब बालको के जिम्मेदार अधिकारियों की यह लापरवाही व निर्देशों का उल्लंघन कहां तक जायज है?

Google search engine
    Google search engine
    Google search engine

    Google search engine
    RELATED ARTICLES

    Most Popular

    Recent Comments