KORBA: BEO कश्यप पर मेहरबान अधिकारी,46 लाख की आर्थिक अनियमितता की जांच पर कार्रवाई लटकाया

कोरबा(खटपट न्यूज़)। सरकारी खजाने से 46 लाख आर्थिक अनियमितता करने वाले बी.ई.ओ. को शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारीयों द्वारा बचाया जा रहा है। महीने बीत जाने के बाद भी कार्यवाही न कर उनको संरक्षण, बचाने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग और ट्रेजडी अपनी राशि वसूलने के लिए नाकाम हैं। एक के बाद एक कई कारनामे कटघोरा बी.ई.ओ. आई.पी. कश्यप के उजागर हो रहे हैं। मामले की जांच शुरू की गई फिर भी कार्यवाही ना कर बचाने का प्रयास किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग बी.ई.ओ. ने कानून शिक्षा विभाग का ऐसा मखौल उड़ाया है कि पूछिए मत। प्रहलाद साहू बी.आर. सी. सी (संविदा) कर्मचारी एवं शरद चंद्र भूषण लाल सेवानिवृत्ति प्रधान पाठक के संबंध में प्रस्तुत जवाब एवं सह पत्रों का अवलोकन करने से यह स्पष्ट है कि लगभग 46 लाख का घपला विकासखंड शिक्षा अधिकारी आईपी कश्यप द्वारा किया गया है।

कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर छत्तीसगढ़ द्वारा 3 अक्टूबर 2023 को पत्र जारी किया गया पत्र क्रमांक बी आर सी सी प्रहलाद साहू खंड स्त्रोत समन्वयक के पद पर संविदा कर्मचारियों के रूप में कार्यरत जिनका वेतन एवं अन्य भत्तो का आबंटन राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा रायपुर के द्वारा प्राप्त होता है, परंतु संविदा कर्मचारियों का नियमित कर्मचारियों की तरह आई.डी. कोड बनाया गया और संबंधित को लाभ पहुंचाने के लिए चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि 438238/ का देयक कोषालय में प्रस्तुत कर आहरण किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा का यह अवगत नहीं कराया गया कि प्रहलाद साहू बीआर सी सी संविदा कर्मचारी हैं और उनका चिकित्सा प्रतिभूति का देयक नियमित कर्मचारी और उनका चिकित्सा प्रतिभूति का देयक नियमित कर्मचारियों की तरह प्रस्तुत नहीं हो सकता है। बीईओ कश्यप द्वारा श्री साहू के चिकित्सा प्रतिपूर्ति की राशि की मांग हेतु जिला शिक्षा अधिकारी/जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा कोरबा को पत्र लिखा, जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा से आवंटन प्राप्त होने पश्चात उन्हें अवगत नहीं कराया गया कि श्री साहू संविदा कर्मचारी है उनका चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक नियमित कर्मचारियों की तरह नहीं निकाला जा सकता है, श्री शरद चंद्र भूषण लाल सेवानिवृत प्रधान पाठक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला बेसिक कटघोरा का पेंशन प्रकरण आपके कार्यालय से तैयार न किए जाने की पश्चात भी आपके द्वारा श्री लाल के प्रत्याशित पेंशन की राशि 1676817/बिना अनाहरण प्राप्त किए देयक या कोषालय में प्रस्तुत कर आहरण किया जाने का कुत्सित प्रयास किया गया। आपका उपरोक्त कृत्य जालसाजी कर संबंधितों को आर्थिक लाभ पहुंचाने हेतु किया जाकर आर्थिक अनियमितता की गई है इस संबंध में उपसंचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया था स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने की स्थिति में अथवा समाधान कारक न पाए जाने की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही हेतु उच्च कार्यालय को पत्र प्रेषित कर की जाएगी। इसके पूर्व भी इस संबंध में कलेक्टर कोरबा द्वारा 21 सितंबर को पत्र जारी किया गया था एवं स्पष्टीकरण मांगा गया था, स्पष्टीकरण ना देने की स्थिति में उन पर एक पक्षीय कार्यवाही की चेतावनी कलेक्टर ने दिए थे। इसके पूर्व में कटघोरा बी.ई.ओ. आई.पी. कश्यप द्वारा मेरी लाल प्रधान पाठिका के 40 माह तक अनुपस्थित रहने के बाद भी वेतन का भुगतान किया गया बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति बिना, प्रधान पाठिका की अवकाश स्वीकृत के किया गया एवं प्रथम किस्त के रूप में 11,73,866 रुपया एवं द्वितीय किस्त के रूप में 13,70,708 रुपए सेवानिवृत्ति के 9 माह बाद आहरण करने की शिकायत हुई थी। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा स्पष्टि करण जवाब मांगा गया था। इसके अलावा कटघोरा बी.ई.ओ. आई.पी. कश्यप के कारनामों से जिला शिक्षा विभाग में हड़कम मचा हुआ है, आगे देखने वाली बात यह है कि ऐसे विकासखंड शिक्षा अधिकारी पर शासन प्रशासन के किस तरह की कार्यवाही करती है ताकि अन्य अधिकारियों के बीच इस तरह के भ्रष्टाचार को अंजाम देने में सबक मिल सके।
शासन प्रशासन विभाग से मांग की जा रही है कटघोरा बी.ई.ओ. आई.पी. कश्यप नियम के विरुद्ध अपने आर्थिक लाभ के लिए कटघोरा शिक्षा विभाग बी.ई.ओ. जैसे गरीमा मय, प्रतिष्ठित पद को धुमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे अधिकारी को हटाकर अन्यत्र स्थानांतरण किया जाए ताकी बार-बार यह गलती राशि गबन, अनियमित्ता के मामले का दोहराव न हो सके।

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