कोरबा, (खटपट न्यूज)। सांठगांठ से वन और पुलिस विभाग के कर्मियों द्वारा जंगल में किया जा रहा मंगल का भांडा अवैध कार्य से फूटा। एक अवैध कार्य को पुलिस आरक्षक ने पकड़ा तो इस एक्शन के रिएक्शन मेें आरक्षक को उसके एक अन्य सहयोगी के घर पर दो दिन तक रेड पड़ी। वरना ऐसा कोई दूसरा कारण नहीं था कि महीनों से रखे जा रहे इमारती महत्व के लकड़ियों को पकड़ने की हिमाकत वन अमला करता। चर्चा है कि यदि रेत न पकड़ते तो अवैध लकड़ियों का भांडा भी नहीं फूटता।
सूत्रों के मुताबिक कोरबा वन मंडल के पसरखेत रेंज में रेंजर के लिए विभागीय कार्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिए रेत की आपूर्ति मदनपुर के चुइया नाला से हो रही थी। हफ्ता-10 दिन पहले आरक्षक दिनेश कुमार बांधे ने रेत के अवैध परिवहन में नियोजित संत राम राठिया की उक्त ट्रैक्टर को पकड़ा और थाना ले आया। ट्रैक्टर सहित रेत को छुड़ाने की वन अधिकारियों की तमाम कोशिशें नाकाम हुईं। संतराम राठिया न्यायालय की शरण में जाकर अपने ट्रैक्टर को गुरुवार को सुपुर्दनामा में प्राप्त कर लिया। इससे पहले पुलिस और वन कर्मी में इस कदर ठनी कि महीनों की लकड़ी चोरी का भांडा फूट गया। चूंकि आरक्षक का निवास करतला थाना के पुलिस कालोनी में है इसलिए करतला रेंजर जीवन लाल भारती ने परिक्षेत्र सहायक व पूरी टीम के साथ अधिकारियों के निर्देश पर सर्च वारंट प्राप्त कर आरक्षक दिनेश कुमार के घर में दबिश दी और बड़े पैमाने पर साल, सागौन, बीजा के लट्ठे व सिलपट बरामद किए गए। दिनेश कुमार के द्वारा इमारती लकड़ियों को अवैध रूप से रखने की शिकायत काफी दिन से थी लेकिन सांठगांठ के कारण छापा नहीं पड़ा था। दिनेश बांधे के अलावा एक अन्य आरक्षक बलराम सिंह कंवर के घर भी उसकी गैर मौजूदगी में ताला तोड़कर जब्ती की कार्रवाई की गई। दोनों कार्रवाई की चर्चा क्षेत्र में सरगर्म है। हालांकि रेत पकड़ने के मामले में पुलिस और वन विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं लेकिन हकीकत भी यही है।
इधर पुलिस विभाग के शासकीय आवास में इमारती महत्व की बड़े पैमाने पर लकड़ियों को अवैध रूप से रखने एवं वन विभाग द्वारा छापा मारकर इनकी जब्ती की कार्रवाई उपरांत पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने आरक्षकों के इस कृत्य को अनैतिक मानते हुए दिनेश कुमार बांधे एवं बलराम सिंह कंवर को निलंबित कर दिया है।
0 वन कर्मी से थी आरक्षकों की सांठ-गांठ
सूत्र बताते हैं कि दोनों आरक्षकों की क्षेत्र के वन कर्मी से गहरी सांठ-गांठ थी। इसी सांठ-गांठ के कारण ये दोनों लंबे समय से इमारती महत्व के वृक्षों की कटाई करवाकर अपने घर में फर्नीचर व अन्य लकड़ी निर्मित सामानों का निर्माण कराते रहे। स्थानीय लोगों की मांग है कि आरक्षकों के द्वारा सांठ-गांठ करने वाले वन विभाग के उक्त कर्मी की भी जांच-पड़ताल कर विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए।