0 डीजल चोर गिरोह की भी थी नजर, पर बात नहीं जमी
कोरबा (खटपट न्यूज)। जिस माउजर को कोरबा सीएसपी राहुल देव शर्मा ने ग्राहक बनकर और रिस्क उठाकर 10 अक्टूबर की रात पकड़ा, वह माउजर करीब ढाई साल तक उसी इंदिरा नगर मोहल्ले में हाथो-हाथ घूमकर हथियार रखने का शौक पालने वाले युवाओं की इच्छा को पूरा करता रहा। इस माउजर की मांग डीजल चोर गिरोह को भी थी लेकिन सौदा कुछ जमा नहीं और ज्यादा धन कमाने के लालच में ग्राहक तलाशते पकड़े गए।
कोरबा सीएसपी श्री शर्मा के द्वारा मुखबिर की सूचना पर 10 अक्टूबर की रात सर्वमंगला चौक में रेलवे फाटक के पास दबिश देकर वह खुद को ग्राहक बतौर पेश करते हुए इंदिरा नगर दुरपा रोड निवासी रज्जाक खलीफा को घेराबंदी कर पकड़ा गया। 35 हजार में माउजर का सौदा हुआ और 25 हजार रुपए तुरंत व 10 हजार बाद में देने पर डील फाइनल हुई थी। माउजर लाने वाला मुख्य आरोपी अभी फरार है जिसकी सरगर्मी से तलाश जारी है। इस बीच कानों-कान यह कहानी भी उजागर हुई है कि करीब ढाई साल से माउजर इंदिरा नगर मोहल्ले में उसके साथ काम करने और हथियार रखने का शौक पालने वाले आधा दर्जन से अधिक युवकों के हाथों में घूम रहा था। अपने-अपने घर में काफी जतन से इसे हफ्ते और महीने तक भी रखा गया। इतना ही नहीं एक युवक के जन्म दिन के मौके पर पार्टी में भी केक के बगल में रखा यह माउजर पार्टी की शान बढ़ा रहा था जिसका वीडियो भी फेसबुक में उस वक्त अपलोड करने की जानकारी मिली है। पिछले वर्ष हुए इस बर्थ-डे पार्टी की खुशी में उत्साहित युवकों ने हसदेव नदी में जाकर दो राउंड फायर भी किया था। अब वे शुक्र मना रहे हैं कि माउजर उनके पास से नहीं मिला वरना नप जाते।
माउजर की एक कहानी यह भी है कि हाल-फिलहाल में जब खदान क्षेत्र के डीजल चोरों की सक्रियता बढ़ी तो पुरानी बस्ती से ताल्लुक रखने वाले गिरोह के सदस्य ने इस माउजर को रज्जाक से किराए पर लेने का भी प्रयास किया था। दलील दी गई थी कि डीजल चोरी करने के दौरान बंदूक की जरूरत पड़ती है। करीब 25 हजार रुपए में किराए पर इस माउजर की मांग हो चुकी है। माउजर को किराए से देने की योजना भी अवैध हथियार लाने और रखने वाले की थी। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने माउजर तो ग्राहक बनकर बरामद कर लिया किंतु कुछ मात्रा में बुलेट अभी भी मुख्य आरोपी अथवा उसके साथियों के पास मौजूद है। यह तो राहत भरी बात है कि ढाई साल बाद ही सही अवैध रूप से हथियार रखने और उसे बेचने की कोशिशों का खुलासा हुआ, वरना बिहार से हथियार लाकर कोरबा में खपाने के पुराने मामले फिर से ताजा होने लगते। पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र और सक्रिय कर हथियारों के सौदागरों पर निगरानी तेज करनी होगी जो इस घटनाक्रम के बाद फिलहाल खामोश बैठे हैं।