0 धान की फसलों को हाथी बर्बाद न करें, इसका हो रहा प्रयास : डीएफओ
कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरबा वन मंडल में इन दिनों हाथियों का आतंक तो नहीं है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर विभागीय कर्मियों द्वारा सतत निगाह रखी जा रही है। चूंकि धान की फसलें पूरी तरह से तैयार हो चुकी हंै। ऐसे में हाथियों के प्रवेश करने पर नुकसान की ज्यादा आशंका बनी रहती है। इसी को ध्यान में रखकर लगातार वन परिक्षेत्र में निगाह रखी जा रही है। इसके लिए ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।
कोरबा जिले में कटघोरा व कोरबा वनमंडल हैं। हालांकि इन दिनों कटघोरा वन परिक्षेत्र में हाथियों की लगातार आवाजाही हो रही है और उनके द्वारा धान की फसल को नुकसान भी किया जा रहा है। दूसरी ओर कोरबा वन मंडल क्षेत्र में हाथियों का दल मौजूद तो है लेकिन किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है। सभी क्षेत्र में विभागीय कर्मी लगातार भ्रमण कर रहे हैं। इसके अलावा हाथियों को भगाने के लिए प्रयुक्त होने वाले सामानों का वितरण ग्रामीणों के मध्य करा लिया गया है। मसलन टार्च, मशाल के अलावा पटाखे भी मुहैया कराए गए हंै जिसके माध्यम से हाथियों को खदेड़ने में सफलता मिल रही है। पिछले दिनों कुदमुरा वन परिक्षेत्र में हाथियों के दल के रहवासी क्षेत्रों तक पहुंचने की खबर पा कर मौके पर वन अमला पहुंचा और ग्रामीणों की मदद से हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ दिया गया। खास बात यह है कि हिंसक हो चुके दंतैल का इन दिनों धरमजयगढ़ क्षेत्र में भ्रमण करने की जानकारी मिल रही है, जिसकी वजह से जान-माल का नुकसान कोरबा में भी नहीं हो पा रहा है। वन अमले का यह प्रयास है कि धान की फसल होने तक हाथियों को बाहरी क्षेत्र में ही रोकने का प्रयास किया जाए ताकि ग्रामीणों को नुकसान ना हो सके और अभी तक इसमें विभाग को सफलता मिली है।
इस मामले में कोरबा वन मंडलाधिकारी एन. गुरुनाथन का कहना है कि हाथियों को जंगलों तक सीमित रखने का प्रयास लगातार किया जा रहा है। इसके लिए विभागीय कर्मियों सहित ग्रामीणों का बराबर सहयोग मिल रहा है। यथास्थिति को बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है। हाथी खासकर धान की फसलें बर्बाद ना करें, इसका पूरा प्रयास विभागीय तौर पर जारी है।