जांजगीर/ जांजगीर जिले में महज 25 साल की उम्र में एक युवक ने खुद अपनी जिंदगी खत्म कर डाली। दो दिन पहले 15 सितंबर को उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे वह दिव्यांग कोविड सेंटर से भाग गया। सेंटर से कुछ दूरी पर खोखसा रेलवे फाटक के पास टुकड़ों में बंटी उसकी लाश मिली है। ट्रेन के सामने कूदकर इस युवक ने अपनी जान दे दी। अब घटना की जांच पुलिस कर रह ही है। इस वारदात से इलाके लोग हैरान और डरे हुए हैं।
बहन समझाती रही मगर वो नहीं माना
फोटो जांजगीर के उसी घटना स्थल की है जहां युवक ने जान दी। जहां युवक ने सुसाइड किया, वहां से दो किलोमीटर की दूरी पर उसका घर था। युवक का नाम पंकज तिवारी है। पंकज बिलासपुर की एक सीमेंट फैक्ट्री में सुपरवाइजर का काम करता था। वह जांजगीर के कुलीपोटा गांव का रहने वाला था। घटना से कुछ देर पहले उसने बहन को फोन किया। उसने कहा कि अब वो जीना नहीं चाहता और मरने जा रहा है। बहन हड़बड़ा गई। फोन पर उसे समझाने की कोशिश की, तब तक युवक मालगाड़ी के आगे कूद चुका था। युवती ने परिवार के लोगों को जानकारी दी। जहां युवक ने जान दी वहां से उसका घर महज दो किलोमीटर की दूरी पर है। भागकर घर वाले पटरियों के पास पहुंचे और अब सभी गमजदा हैं।
होम आइसोलेशन में रहना चाहता था
युवक का एक छोटा बच्चा, पत्नी और बुजुर्ग माता-पिता गांव के घर में रहते हैं। जब वह लौटा तो एहतियात के तौर पर 15 सितंबर को उसने अपनी जांच करवाई। दिव्यांग कोविड सेंटर में उसे भर्ती किया गया। यह बात भी सामने आ रही है कि कोविड सेंटर की व्यवस्था उसे ठीक नहीं लगी। उसने परिवार के लोगों को फोन किया और होम आइसोलेशन के लिए आवेदन करने को कहा।
बुधवार को परिवार के लोग इसी दौड़-भाग में लगे रहे, शाम हो गई मगर अनुमति नहीं मिली। पंकज के पिता ने उसे बताया कि गुरुवार को ही अनुमति मिलेगी। रात भर में युवक ने जान देने की ठान ली। उसने मां के नाम एक वॉट्सएप मैसेज छोड़ा, जिसमें लिखा था- मम्मी, मैं बेटा होने का फर्ज नहीं निभा सका। इसके बाद वह कोविड सेंटर से भाग निकला।