- विवाद सृष्टि मेडिकल कालेज का..
भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई मारपीट से पार्टी में हड़कम्प मची है। पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर के पुत्र संदीप कंवर व भाजपा नेता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष देवेंद्र पांडेय के मध्य बुधवार को मारपीट हो गयी।रजगामार मार्ग में संचालित सृष्टि मेडिकल कालेज को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद के संबंध में देवेंद्र पांडेय के निहारिका स्थित निवास पर बातचीत के दौरान मारपीट की यह घटना हुई है। मामला रामपुर चौकी पहुंच चुका है और दोनों पक्ष ने एक-दूसरे पर मारपीट का आरोप लगाया हैं। बता दे ननकीराम कंवर के खास समर्थक व करीबी लोगों में देवेंद्र पांडेय शामिल हैं। गौरतलब है कि 10 साल पहले प्रदेश भाजपा सरकार मंत्री रहते सृष्टि मेडिकल कॉलेज के निर्माण की शुरुआत ननकीराम ने की थी । उस वक्त भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय उनके बेहद नजदीकी रहे। ननकी राम कंवर ने उन्हें सृष्टि सोसाइटी का चेयरमैन बनाया। ननकीराम ने लोगों से आर्थिक मदद लेकर सृष्टि मेडिकल कॉलेज का स्ट्रक्चर खड़ा किया। निर्माण कार्य से लेकर अस्पताल के संचालन की जिम्मेदारी प्रारंभ से देवेंद्र पांडेय निभाते रहे। जब तक ननकीराम मंत्री रहे सब कुछ ठीक चलता रहा। वर्ष 2013 में ननकीराम के विधानसभा चुनाव हारने के बाद देवेंद्र पांडे अपने ढंग से सोसाइटी का संचालन करने लगे।
बताया जा रहा है कि सोसाइटी के कुछ सदस्य को हटाकर उन्होंने अपनी पत्नी व बेटे को सदस्य बना दिया है । इसके लिए सोसायटी के संरक्षक ननकीराम कंवर से भी अनुमति नहीं ली गई। यही नहीं अस्पताल में पदस्थ चिकित्सक व स्टॉफ़ को भी 11 माह से वेतन नहीं दिया गया । वर्तमान में अस्पताल में ताला जड़ दिया गया है। ननकी राम कंवर के पुत्र व जिला पंचायत सदस्य संदीप कंवर का कहना है कि सृष्टि में उसका 40 लाख रुपए लगा है ,इसलिए उसे सदस्य बनाया जाए। इसे लेकर वह पिछले कई दिनों से देवेंद्र पांडेय का चक्कर काट रहे हैं । बुधवार की रात करीब 9.30 बजे बजे निहारिका स्थित एमपी नगर में देवेंद्र के घर पहुंचने पर दोनों के बीच जमकर विवाद हुआ और हाथापाई हुई। मामला पुलिस तक पहुंचा तो दोनों पक्षों के खिलाफ काउंटर केस दर्ज कर दिया गया। रामपुर चौकी में संदीप कंवर की शिकायत पर देवेंद्र पांडेय के खिलाफ धारा 294, 323, 506 और देवेंद्र पांडेय की शिकायत पर संदीप के खिलाफ धारा 452, 323 भादवि के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है । याद रहे सहकारी बैंक भर्ती घोटाले में फसे देवेन्द्र पांडेय के लिए एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है ।