0 घंटाघर से कलेक्ट्रेट तक निकाली महारैली
कोरबा(खटपट न्यूज़)। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है। 23 जनवरी से काम बंद हड़ताल पर बैठे कार्यकर्ता और सहायिकाओं ने विभाग के द्वारा 48 घंटे के भीतर काम पर नहीं लौटने से मानदेय रोकने और सेवा समाप्ति का निर्देश जारी करने पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए आंदोलन को जारी रखा है। शुक्रवार को विभागीय निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास विभाग कोरबा शहरी प्रभारी परियोजना अधिकारी श्रीमती संगीता कोर्राम, सुपरवाइजर श्रीमती कीर्ति जैन सरस्वती लहरें ने हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने संबंधी नोटिस घंटाघर चौक धरना स्थल पर पहुंचकर देना चाहा जिसे लेने से आग्रह पूर्वक साफ इनकार कर दिया गया। इसके बाद कार्यकर्ता व सहायिकाओं ने घंटाघर से कलेक्ट्रेट तक पदयात्रा महारैली निकाल कर कलेक्टर कार्यालय के सामने एकत्र होकर नारेबाजी की। बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार तक पहुंची कार्यकर्ताओं को पुलिस रास्ते में नहीं रोक सकी और कलेक्ट्रेट के सामने उन्होंने काफी देर तक अपनी मांगों के लिए आवाज बुलंद किया।
प्रान्त पदाधिकारी श्रीमती सुचित्रा मानिकपुरी व संयुक्त मंच की जिला अध्यक्ष श्रीमती वीणा साहू ने बताया कि हड़ताल के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा निर्देश जारी कर अधिकारियों को वैकल्पिक व्यवस्था बनाने कहा गया है। इसके बाद 10 बिन्दुओं पर निर्देश जारी कर 48 घंटे के भीतर कार्यकर्ता-सहायिकाओं को काम पर लौटने की चेतावनी दी गई है। वापस नहीं लौटने पर मानदेय रोकने तथा सेवा समाप्ति की कार्यवाही की बात कही गई है जो कि उचित नहीं है। इस निर्देश से प्रदेश भर में आक्रोश व्याप्त है और मांगें पूरी होने तक हड़ताल पर बने रहने का निर्णय लिया है। 20 फरवरी को रायपुर में प्रदर्शन करने के बाद संयुक्त मंच जो निर्णय लेगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
0 भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने दिया समर्थन
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच के द्वारा किये जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीआई) के जिला सचिव पवन कुमार वर्मा ने भी अपने साथियों के साथ घंटाघर पहुंचकर रैली में सहभागिता निभाई।कलेक्ट्रेट तक पहुंचे पवन कुमार वर्मा ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहायिकाओं का 6 सूत्रीय मांग बिल्कुल जायज है, उसे तत्काल राज्य सरकार द्वारा अपने वादे के अनुसार पूरा किया जाना चाहिए। पवन कुमार वर्मा के साथ भाकपा जिला परिषद सदस्य कमरबख़्श, तबरेज अहमद, उषा देवी वर्मा, जरीना खातून, रीमा तिवारी, पुष्पा शुक्ला भी शामिल हुए।
0 जीने लायक वेतन तो दे दे सरकार :पदाधिकारी
इधर दूसरी ओर बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्र वार्ता लेकर छत्तीसगढ़ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के प्रांतीय संयोजक देवेंद्र पटेल और जिला शाखा अध्यक्ष भारती मिश्रा ने कहा कि सिर्फ जीने लायक वेतन, बुढ़ापे का सहारा और सामाजिक सुरक्षा के रूप में मासिक पेंशन के अलावा हमारी और कोई मांग नहीं है।उन्होंने बताया की राजधानी में धरना स्थल में बैठने की जगह भी नहीं दी गई इसलिए अलग-अलग जिलों में बिना टेंट-माइक धूप में पेड़ के नीचे बैठकर आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में आईसीडीएस की स्थापना 1974 में हुई है तब से अभी तक केंद्र सरकार से 4500 और 2000 राज्य सरकार से कुल 6500 रूपए मिल रहे हैं। इसी तरह सहायिकाओं को 2225 केंद्र से और 1000 राज्य सरकार से कुल 3225 मानदेय प्राप्त हो रहा है जिसे किसी भी स्थिति में जीने लायक वेतन नहीं कहा जा सकता। सुनवाई नहीं होने के कारण प्रदेश के 46660 आंगनबाड़ी और 5814 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में 23 जनवरी से काम ठप है।