0 भाई की तरह मानती रही मेघा, नहीं मनाया रक्षाबन्धन
कोरबा(खटपट न्यूज़)। अपनों के बिछड़ने का गम आखिर किसे नहीं होता। इंसान हो तो यह गम जाहिर हो जाता है लेकिन जानवरों के मामले में ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है कि उसे अपने परिजन की तरह मान-सम्मान दिया जाए। छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा जिले में पशु के प्रति अगाध प्रेम चौहान परिवार में देखने को मिला जहां जीते जी पालतू श्वान को परिवार के सदस्य की तरह प्रेम मिला और जब उसने अंतिम सांस ली तो उसका अंतिम संस्कार, क्रियाकर्म पूरे विधि-विधान से किया गया।
यह वाकया शहर से लगे अप्पू गार्डन के निकट ढोढ़ीपारा बस्ती का है। यहां रहने वाले कन्हैयालाल चौहान ने करीब 17 साल पहले सीएसईबी कॉलोनी निवासी अपने मित्र संतोष सिंह के पास से कुत्ते के बच्चे को घर लाया। उसे देखकर कन्हैया के पुत्र व पुत्री मेघा चहक उठे। प्यारे से डॉगी से बच्चों सहित परिजनों को खासा लगाव रहा और देखते ही देखते समय के साथ तीनों बड़े होते गए। इससे प्रेम इतना प्रगाढ़ था कि बच्चों की तरह डॉगी का नाम विनी चौहान रखा गया। 17 वर्ष के विनी चौहान ने पिछले दिनों दम तोड़ दिया। उसके निधन से चौहान परिवार को ठीक उसी तरह पीड़ी हुई जैसे कि परिवार के सदस्य के बिछड़ने पर होता है। विनी को सिर्फ एक कुत्ता नहीं समझा गया बल्कि उसे बेटे की तरह मानते आ रहे कन्हैया चौहान और उनकी पत्नी तथा भाई की तरह मानते रहे पुत्र एवं पुत्री मेघा इस घटना से काफी दुखी रहे। विनी का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया गया। उसकी शव यात्रा निकाली गई और ढोढ़ीपारा के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार कर दफनाया गया।
परंपरानुसार 10 वें दिन दशगात्र की रस्म निभाई गई और मृत्युभोज में लोगों को आमंत्रित किया गया था। इस दौरान विनी की तस्वीर पर बकायदा माल्यार्पण कर पुष्पांजलि भी लोगों ने अर्पित की। इस घटना से दुखी मेघा जो कि कलेक्टोरेट में डाटा एंट्री ऑपरेटर है, के द्वारा इस वर्ष रक्षाबंधन का त्यौहार नहीं मनाया गया। मेघा ने बताया कि विनी भी उसके भाई की तरह ही था। श्वान के प्रति इतना प्रेम विरले ही देखने को मिलता है और कोरबा जिला ही नहीं बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में अपनी तरह का यह पहला मामला है जब श्वान का दशकर्म और मृत्यु भोज कराया गया हो।