0 क्या संलिप्त अधिकारियों और फर्जी काम कराने वालों पर कसेगा कानून का शिकंजा..?
कोरबा(खटपट न्यूज़)। यदि आपको जाति प्रमाण पत्र बनवाना है तो इसके लिए दर्जनों बार जूते-चप्पल घिसने होंगे। पटवारी दफ्तर से लेकर तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर काटने होंगे। चंद लोगों को चढ़ावा भी चढ़ाना होगा और तब कहीं जाकर इनकी कृपा हुई तो जाति प्रमाण पत्र बन कर हासिल होगा। यह जमीनी हकीकत है जिससे सरकार के तमाम निर्देशों के बाद भी लोग जूझ रहे हैं। यह बात और है कि अपवाद व संयोग स्वरूप कई लोगों के प्रमाण पत्र बड़ी आसानी से बन जाते हैं जब पटवारी-अधिकारी मेहरबान हों।
कुछ ऐसी ही मेहरबानी 4 लोगों पर कटघोरा के राजस्व दफ्तर में बरसी है जहां इनके निवास के सत्यापन का कोई ओर-छोर नहीं होने, प्रमाण नहीं होने के बाद भी इन्हें अनुसूचित जनजाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया। प्रशासनिक सांठगांठ का यह गंभीर उदाहरण है कि जिन 4 लोगों के प्रमाण पत्र बनाए गए हैं उनका आवेदन राजस्व प्रकरण पंजी में दर्ज ही नहीं है, इस वजह से इनके संबंध में कोई भी जानकारी दे पाना संभव नहीं हो सका है। वर्ष 2014 में ईश्वर एक्का, रघुनाथ बागरा, रंजीत लाकड़ा और नंदू लाल के नाम से अजजा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए जिनका तहसील और राजस्व अनुभाग कटघोरा है।
इसकी शिकायत पर हुई जांच में स्पष्ट हुआ है कि चारों लोगों के जाति प्रमाण पत्र पूर्णत: गलत हैं। इन प्रमाण पत्रों को अंतिम जांच होने तक निलंबित करने तथा किसी भी प्रकार के हित लाभ के लिए प्रमाण पत्र पप्राप्तकर्ता लोगों के द्वारा उपयोग नहीं किए जाने का आदेश भी जारी किया गया है। जिला स्तरीय प्रमाण पत्र सत्यापन समिति के द्वारा इसकी जांच कर छानबीन समिति रायपुर को अंतिम जांच हेतु प्रकरण प्रेषित कर दिया गया है।
0 रेल कॉरिडोर में करोड़ों का मिला मुआवजा,एसीबी से जुड़े तार
इस फर्जीवाड़ा में एक और आश्चर्य की बात है कि 2 लोगों के नाम से गेवरा-पेण्ड्रा रोड रेल कॉरिडोर में जमीन का अधिग्रहण भी हो गया और इन फर्जी लोगों के नाम पर 11 करोड़ से अधिक का मुआवजा भी जारी हुआ है जिसका अंतरण एसीबी कंपनी द्वारा करवा लिए जाने का गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत कलेक्टर व एसपी से की गई है। पूरे मामले में संलिप्त लोगों पर पुलिस और प्रशासन किस तरह की कार्रवाई करता है, यह देखने वाली बात है। इस पूरे फर्जीवाड़ा के तार दीपका क्षेत्र में संचालित एसीबी कंपनी से जुड़े हुए हैं जहां हाल ही में प्रशासन की चार अलग-अलग टीमों ने राज्य स्तर से आकर दबिश दी थी।