0 CISF-त्रिपुरा रायफल्स के कार्य औचित्य पर उठे गंभीर सवाल
0 करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी क्यों नहीं रोक पा रहे चोरी
कोरबा(खटपट न्यूज़)। एसईसीएल की खदान में सैकड़ों की संख्या में लोगों के द्वारा कोयला चोरी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद शासन-प्रशासन में हड़कंप है। इस वीडियो की हकीकत को लेकर सवाल लगातार उठ रहे हैं। वीडियो को जानकारों ने एडिटेड होना बताया है। दूसरी तरफ बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी के आदेश उपरांत पूरे मामले में जांच पड़ताल जारी है। इस पूरे मामले में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने भी गंभीरता दिखाई और दूसरे दिन एसपी भोजराम पटेल के साथ खदान क्षेत्र का अवलोकन कर सुरक्षा के तमाम उपाय करने के निर्देश एसईसीएल प्रबंधन को दिए।
इस मामले में कटघोरा विधायक पुरुषोत्तम कंवर ने एसईसीएल व केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों पर कहा है कि एसईसीएल केंद्रीय सरकार का उपक्रम है जिसके सुरक्षा की जिम्मेदारी एसईसीएल द्वारा सीआईएसएफ और त्रिपुरा राइफल के जवानों को सौंपी गई है। इसके बावजूद यदि माइंस में चोरी नहीं रुक पा रही है तो यह जवानों और अधिकारियों की विफलता है। वायरल वीडियो पर कहा कि उसमें स्पष्ट नहीं है कि वीडियो किस माइंस का है? हिंदुस्तान के कई राज्यों में माइंस हैं जिनकी सुरक्षा सीआईएसएफ एवं अन्य केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां करती हैं किंतु चोरी नहीं रोक पा रहे तो इनके ड्यूटी का औचित्य ही क्या है? श्री कंवर ने कहा है कि जब वायरल वीडियो ग्राम नरईबोध चौकी हरदीबाजार क्षेत्र का बताया गया तो उन्होंने सत्यता जानने के लिए ग्राम नरईबोध में स्टाफ भेजकर उस लोकेशन की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई। दोनों वीडियो को देखने से दोनों के लोकेशन में अंतर साफ नजर आ रहा है। वीडियो की पुष्टि किए बिना बदनाम करने की साजिश पूर्णत: गलत है।
0 भाजपा भ्रामक खबर फैला रही,वीडियो की जांच हो- मोहितराम
इसी तरह पाली-तानाखार विधायक मोहितराम केरकेट्टा ने कहा है कि वर्तमान में एसईसीएल गेवरा, दीपका एवं कुसमुंडा में लगभग 500 से अधिक सुरक्षा गार्ड तैनात हैं, जिन पर प्रबंधन प्रतिमाह 5 करोड़ से अधिक राशि खर्च कर रहा है। इनके पास माइंस की सुरक्षा का एकमात्र जिम्मा है। पुलिस के पास कानून व्यवस्था, वीआईपी ड्यूटी, अपराधों की जांच सहित शहर की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी है, फिर एसईसीएल चोरी के मामले में पुलिस पर जिम्मेदारी कैसे थोप सकता है? वायरल हो रहे वीडियो की सच्चाई जाने बिना स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकार पर निशाना साधने की कोशिश की जा रही है। भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं है जो बिना सत्यता जाने भ्रामक खबर फैला रही है। कोयले चोरी पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के निर्देशानुसार ताबड़तोड़ कार्यवाही तत्काल संज्ञान लेकर किया गया जो अभी भी जारी है। खदानों में कोयला की चोरी यदि हो रही है तो कितने बार प्रबंधन ने पुलिस के समक्ष शिकायत की है। वायरल वीडियो की जांच होना आवश्यक है।
0 पालिका अध्यक्ष ने कहा-झूठे वीडियो से बदनाम कर रहे
नगर पालिका परिषद दीपका की अध्यक्ष श्रीमती संतोषी दीवान का कोयला चोरी के वायरल वीडियो पर कहना है कि जिस वीडियो को दीपका-गेवरा क्षेत्र का बताया जा रहा है और ओपी चौधरी इसे वायरल कर रहे हैं, वह वीडियो झूठा है। भाजपा सरकार का छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम करने का षड़यंत्र है। हम अपनी जमीन को खुद पहचान कर सकते है। यह सब भाजपा की ओछी सोच व बदनाम करने वाली राजनीति है। छत्तीसगढ़ सरकार अच्छा काम कर रही है तो उसे बदनाम करने के लिए इस तरह का झूठा वीडियो वायरल कर रहे हैं।
0 वीडियो एडिट किया गया है : सीएसपी
जिस क्षेत्र का कोयला चोरी का वीडियो होना बताया जा रहा है वह दर्री सीएसपी के कार्यक्षेत्र के अधीन आता है। सीएसपी सुश्री लितेश सिंह ने बताया कि जिस तरह से वीडियो में खदान क्षेत्र दिखाया गया है वैसा क्षेत्र यहां के खदान में नहीं है। यहां की खदान काफी गहरी है जबकि वीडियो में दिखाया गया क्षेत्र ऊपर दर्शित हो रहा है। प्रारंभिक तौर पर वीडियो एडिटेड लग रहा है लेकिन जब तक विस्तृत तकनीकी जांच नहीं हो जाती, तब तक कुछ कहना जल्दबाजी होगी। शीर्ष अधिकारियों के मार्गदर्शन में जांच कराई जा रही है।