0 कोरबा जोन में हैं पदस्थापना, मूल पद पर तबादला आदेश का पालन नहीं
कोरबा (खटपट न्यूज)। कामकाज निपटाने के लिए प्रशासनिक व्यवस्थाओं के तौर पर कार्यों का विभाजन समय-समय पर किया जाता है। कार्य की महत्ता और उसके निष्पादन के लिए इस तरह की व्यवस्थाओं से कई बार सवाल भी उत्पन्न होते हैं। इन दिनों नगर पालिक निगम में कार्यरत एक माली के द्वारा राजस्व वसूली के साथ-साथ राजस्व संबंधी रजिस्टरों और फाइलों का संधारण,लेखा-जोखा न सिर्फ चर्चा का विषय है बल्कि विभागीय कर्मियों में भी दुविधा की स्थिति बनी हुई है।
मामला नगर पालिक निगम के कोरबा जोन से जुड़ा है। मुख्य प्रशासनिक भवन साकेत में मूल रूप से माली के पद पर नियुक्त किया गया परमानंद राठौर समय-समय पर कोरबा जोन में बदलने वाले अधिकारियों का इस प्रकार कृपा पात्र बना हुआ है कि मूल काम को छोड़कर अधिकारी वर्ग के कार्य के ज्यादा तवज्जो दिया जा रहा है। पूर्व में परमानंद को साकेत में अतिक्रमणरोधी दस्ता प्रभारी योगेश राठौर ने अपने साथ अटैच किया। इसके बाद और वर्तमान से लगभग 4-5 साल पहले परमानंद राठौर को कोरबा जोन बिना किसी आदेश के लाया गया। संबंधित अधिकारी की मेहरबानी इस कदर रही कि चार पहिया वाहन में घूमते हुए खुद को किसी अधिकारी से कम नहीं समझे। बाद में इन्हें तत्कालीन जोन प्रभारी श्रीधर बनाफर ने अपने साथ अटैच कर लिया और राजस्व वसूली जैसे जिम्मेदाराना कार्य को इन्हें सौंप दिया गया जबकि जोन दफ्तर में इस कार्य के लिए कर्मचारी पहले से मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि परमानंद राठौर के द्वारा खुद को राजस्व अधिकारी/निरीक्षक से कमतर नहीं आंका जाता है और मनमानी की वजह से कर्मचारियों को काफी व्यवहारिक दिक्कतें होने लगी है। मूल रूप से माली किंतु सहायक राजस्व निरीक्षक बतौर अपने ही तरीके से काम करने/कराने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
0 तबादला के बाद भी नहीं छूट रहा राजस्व मोह
बता दें कि नगर पालिक निगम के आयुक्त प्रभाकर पाण्डेय ने 5 अप्रैल 2022 को एक आदेश जारी कर प्रशासनिक व्यवस्था अंतर्गत परमानंद राठौर, माली को आगामी आदेश पर्यन्त कोरबा जोन से उद्यान शाखा में पदस्थ किया है। आश्चर्य है कि 5 अप्रैल को आदेश जारी करने के बाद भी उन्होंने राजस्व वसूली का काम नहीं छोड़ा है। आयुक्त के आदेश की सूचना कोरबा सहित सभी जोन कमिश्नरों को आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित भी कर दी गई लेकिन कोरबा जोन कमिश्नर के द्वारा भी इस आदेश का पालन न कराया जा कर परमानंद राठौर से राजस्व वसूली और रिकार्डों के लेख का कार्य कराया जा रहा है।
0 यथावत बने रहने के लिए लगा रहे जुगत
निगम के गलियारे से खबर है कि परमानंद राठौर मूल पद माली बतौर उद्यान शाखा में जाना नहीं चाहते। उनके द्वारा न सिर्फ अधिकारी वर्ग बल्कि जनप्रतिनिधियों से भी अनुशंसा कराई जा रही है कि उन्हें कोरबा जोन में ही बने रहने दिया जाए। यह और बात है कि परमानंद राठौर भले ही माली के तौर पर निगम में भर्ती हुए हैं लेकिन अधिकारियों द्वारा व्यवस्थाओं के तौर पर कार्य विभाजन कर अलग-अलग कार्य कुछ समय के लिए सौंप दिए जाते हैं किंतु परमानंद राठौर के मामले में जोन दफ्तर से विशेष कृपा पिछले कार्यकालों से बना होना चर्चा का विषय है। जिनके संरक्षण में वे मूल काम छोड़कर दूसरे आयमूलक सारे कार्य कर रहे हैं, वे भी इन्हें उद्यान शाखा में जाने से बचाने के लिए एप्रोच पर एप्रोच लगा रहे हैं। आखिर इतना मोह क्यों और किसके लिए?