कोरबा(खटपट न्यूज़)। नगर पालिक निगम के ठेकेदारों की समस्याओं का समाधान के लिए चर्चा हेतु आयुक्त के पास समय नहीं निकल पा रहा है। जितना समय वह दे पा रहे हैं उतने वक्त में ठेकेदारों ने चर्चा नहीं हो पाने की बात कही है और ठीक-ठाक समय देने की अपेक्षा फिर से जताई गई है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएशन के साथ नगर निगम कोरबा में कार्यरत कॉन्ट्रेक्टर्स की समस्याओं के निराकरण हेतु 1 अप्रैल को निगम आयुक्त बैठक करने वाले थे जो नहीं हो सकी। इसकी वजह समय की कमी है। एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी ने महापौर राजकिशोर प्रसाद एवं आयुक्त प्रभाकर पांडेय को पुनः पत्र लिखकर अपेक्षित समय देने का आग्रह किया है।
नगर पालिक निगम में कार्यरत समस्त कॉन्ट्रेक्टर लगातार लम्बे समय से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। फाइलों के निराकरण एवं नियमित कार्यो के भुगतान में अत्यन्त विलम्ब होने से ठेकेदारों की आर्थिक स्थिति जर्जर हो चुकी है। निगम में कार्यरत कॉन्ट्रेक्टर्स ने अपनी समस्याओं के सम्बंध में छत्तीसगढ़ कांट्रेक्टर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के सम्बंध में विस्तार से अवगत कराया। उन्होने तत्काल संज्ञान लेकर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय से 23 मार्च को दूरभाष पर बात की और चर्चा करने हेतु समय चाहा। आयुक्त ने दिनांक 24 मार्च का समय दिया किन्तु 11:30 बजे के दिये समय से इंतजार करते 2 बज गए पर आयुक्त व्यस्तता के कारण नहीं आ सके। इसके पश्चात प्रतिनिधि मण्डल से संतोष खरे एवं असलम खान ने आयुक्त से मुलाकात की तब 1 अप्रैल को मिलने की तिथि निर्धारित कर चर्चा करने का आश्वासन दिया। इस बैठक में कॉन्ट्रेक्टर्स के साथ समस्त समस्याओं पर विस्तृत चर्चा कर यथा संभव समाधान की उम्मीद थी जो 31 मार्च को आयुक्त द्वारा बताया गया कि दोपहर 3:30 से 4 बजे महज आधा घण्टे का वक्त दे सकेंगे। कम समय देने के कारण चर्चा नहीं हुई। अब पुनः आगामी तिथि पर्याप्त समय के साथ देने का आग्रह किया गया है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि कोरोना काल की भीषण मार को झेलते हुए कॉन्ट्रेक्टर आर्थिक एवं मानसिक रुप से अत्यन्त त्रस्त हो चुके हैं। वर्तमान में निर्माण सामग्रीयों के बाजार दरों में अप्रत्याशित वृद्धि ने सभी नगर निगम कॉन्ट्रेक्टर की कमर तोड़ दी है। ऐसी विपरीत परिस्थिति में भी निगम प्रशासन से वांछित प्रोत्साहन एवं सहयोग नहीं मिलने से कॉन्ट्रेक्टर अत्यन्त रुष्ट हैं। अब आयुक्त के पास चर्चा के लिए समय की कमी इनकी कमर तोड़ रही है।