कोरबा (खटपट न्यूज़)। जिले के ग्रामीण अंचल में शिक्षागत खामी एक बार फिर सामने आई है। पिछले दिनों कोरबा विकासखंड अंतर्गत भैंसमा संकुल के ग्रामीणों द्वारा शासकीय प्राथमिक शाला डोंगदरहा का हाल उजागर किया गया जिसमें सुबह 10:35 बजे तक भी स्कूल का ताला नहीं खुला था और बच्चे बाहर बैठे थे। आज विकासखंड करतला के शासकीय प्राथमिक शाला ग्राम सलिहाभाठा में जो देखने को मिला वह भी मनमानी को दर्शाने वाला रहा। यहां सुबह 10 बजे तक भी हेड मास्टर के कमरे का ताला नहीं खुला था और बच्चे अपने कक्ष में आकर बैठ चुके थे। कक्षा में बच्चे ही बच्चों को पाठ पढ़ाते नजर आए।
10 बजे के बाद पहुंचे प्रधान पाठक अमृत लाल बघेल ने बताया कि स्कूल का समय सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक है। विद्यालय में 2 शिक्षक एवं 42 बच्चे हैं। शिक्षिका प्रमिला राज प्रशिक्षण के कारण नहीं आई वहीं प्रधान पाठक भी दूर से आने कारण समय पर स्कूल नहीं पहुंच सके। अब ऐसे में सुबह पहुंचे बच्चों ने खुद ही झाड़ू लगाया और अपनी पढ़ाई खुद से की। चपरासी के भरोसे चलाया जा रहा है।
ग्रामीणों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह हाल आए दिन स्कूल में बना रहता है और पंचायत प्रतिनिधि व्यवस्था सुधारने में गंभीरता नहीं दिखाते हैं। प्रधान पाठक को गांव में ही आवास की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए और शिक्षक की संख्या भी बढ़ाई जाए।
अक्सर कई सरकारी स्कूलों में इस तरह की खामियां देखने को मिल जाती हैं जहां गुरुजी से लेकर प्रधान पाठक और प्राचार्य तथा शिक्षक गण अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर्तव्य व निर्देशों की मंशा अनुरूप करते नजर नहीं आते। राज्य सरकार एक ओर जहां सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने पर जोर दे रही है और मौके बे मौके अपनी मांगों के लिए आंदोलन करने वाले शिक्षकों की सुनवाई भी करती है वहीं कई गैर जिम्मेदार सरकारी शिक्षकों की वजह से व्यवस्था पर सवाल भी उठते रहे हैं।