कोरबा(खटपट न्यूज़)। एसईसीएल की कोरबा जिले के कुसमुंडा में संचालित खदान को बंद कराने में भू विस्थापितों को सफलता मिल ही गई। खदान में ग्रामीणों का रेला उमड़ पड़ा है।
इससे पहले मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन स्थल पर प्रभावित गांवों के लोग एकत्र हुए।यहां से सभी नारेबाजी करते हुए रैली की शक्ल में कुसमुंडा खदान को बंद कराने के लिए रवाना हुए। इन विस्थापितों को खदान से पहले लगाए गए बैरिकेट्ड पर सीआईएसएफ के जवानों सहित उपस्थित पुलिसकर्मियों के द्वारा रोका गया। मौके पर भूविस्थापितों ने नारेबाजी करते हुए धरना दे दिया । विस्थापित खदान की ओर बढ़ने के लिए लगातार प्रयासरत भी रहे और अलग-अलग क्षेत्रों से खदान में घुस ही गए।। रोजगार एकता संघ के इस आंदोलन को माकपा सहित किसान सभा व कांग्रेस नेता अमरजीत सिंह आदि का भी समर्थन प्राप्त है। एहतियात के तौर पर पुलिस अधिकारी और जवान तैनात हैं।
गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से रोजगार, मुआवजा, बसाहट के लिए रोजगार एकता संघ के बैनर तले धरना प्रदर्शन सीजीएम दफ्तर के सामने जारी है। पिछले दिनों कुसमुंडा खदान महाबंद का आह्वान किया गया था जिसे ठीक 1 दिन पहले एडीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्थगित कराने में सफलता मिली थी। आंदोलनकारियों ने प्रशासन व एसईसीएल प्रबंधन को 26 मार्च तक का समय निराकरण के लिए दिया था। इसके बाद महाप्रबंधक कार्यालय में एसईसीएल के राजस्व अमला सहित जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम, तहसीलदारों व पटवारियों के द्वारा भूविस्थापितों की ओर से पूर्व में नौकरी हेतु जमा किए गए आवेदनों की स्क्रूटनी की गई लेकिन इसके बाद मामला कहां तक पहुंचा है, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन भू विस्थापितों की मांग अभी भी आनिराकृत होने से इन्होंने आज खदान महाबंद का ऐलान करते हुए जिला प्रशासन को इसकी सूचना 2 दिन पहले दे दी थी।