कोरबा (खटपट न्यूज)। कोरबा जिले में एक ऐसा मंदिर है जहां महाशिवरात्रि की रात भगवान शिव और पार्वती के लिए सेज सजाई जाती है। मां पार्वती और भगवान शिव इस सेज पर शयन करते हैं। दोनों चौसर भी खेलते हैं और पासा भी बदलते हैं।
आश्चर्यजनक किंतु सत्य यह अनूठा अलौकिक घटनाक्रम कोरबा निगम क्षेत्र के वार्ड 4 स्थित दुरपा रोड के श्री श्री शिव-काली मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर दृश्यमान होता है। एक मार्च को महाशिवरात्रि के अवसर पर भोलेनाथ की बारात शिव परिवार द्वारा निकाली गई एवं प्रतीकात्मक विवाह संपन्न कराया गया। भगवान शिव-पार्वती की मूर्ति मंदिर में विराजित की गई एवं मंदिर में ही शिव-पार्वती के लिए सेज सजाया जाकर नए वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार सामग्रियां रखने के साथ भोजन का भी प्रबंध किया गया। एक मार्च की रात 12 बजे के बाद पट बंद कर दिए गए।
दूसरे दिन शिव परिवार के सदस्यों ने सेज पर हुई गतिविधियों को महसूस किया। बाबा भोलेनाथ का प्रिय खेल चौसर के लिए दोनों के सिरहाने के मध्य कौड़ियां रखी गई थी एवं चाल चलने के लिए गोटी भी थी जो एक नंबर पर रखी गई थी। शिव परिवार के सदस्य राजकुमार दुबे ने बताया कि सुबह कौड़ियां अपने-अपने स्थान से अलग एवं गोटी का नंबर 3 पर पड़ा हुआ मिला। भगवान शिव-पार्वती ने यहां चौसर खेला। वस्त्र एवं आभूषण भी रखे गए स्थान से पृथक पाए गए। शिव परिवार के एक अन्य सदस्य साबर सिंह ने बताया कि उन्होंने खुद गोटी सेज पर रखी थी और चाल चलने के लिए एक अंक वाला निशान ऊपर की ओर था जो दूसरे दिन बदला हुआ मिला। यह चमत्कार पिछले छ: वर्षों से इस मंदिर में होता आ रहा है। शिव परिवार के सदस्यों ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ-पार्वती के विश्राम हेतु सेज सिर्फ महाकाल उज्जैन में सजाई जाती है। छत्तीसगढ़ में सिर्फ कोरबा के दुरपा स्थित इस मंदिर में बाबा की सेज सजती है जहां वे अप्रत्यक्ष विश्राम करते हैं।
सुनील गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को मूर्तियों का विसर्जन हसदेव नदी घाट में प्रात: 11 बजे किया जाएगा। विसर्जन उपरांत माता पार्वती के श्रृंगार सामग्रियों एवं वस्त्रों को भक्तों में प्रसाद स्वरूप वितरण किया जाएगा। सुनील गुप्ता ने बताया कि दुरपा रोड के इस मंदिर में यह अलौकिक चमत्कार भगवान भोलेनाथ की कृपा को दर्शाता है।