अगर आपको कोई काम जल्दी कराना है तो माननीय की अनुशंसा करा लीजिए। यह अनुशंसा पहले काम आई जबकि उसी कार्य के लिए प्रस्तुत एक अन्य के आवेदन को 3 वर्षों से जानबूझकर लंबित रखा गया है। इसके विरुद्ध याचिका पर हाईकोर्ट ने पीड़ित व्यवसायी को राहत दी है।
कोरबा (खटपट न्यूज़)। जिले के विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में दवा दुकान के लिए जगह का पूरा मामला है। प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र पोड़ी उपरोड़ा में 09 मार्च 2017 से चलाया जा रहा है। संचालक ने 10जनवरी2019 एवं उसके पूर्व भी कई बार मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी एवं खण्ड चिकित्सा अधिकारी पोडी उपरोडा को जन औषधि केन्द्र को अस्पताल परिसर में जगह प्रदान किये जाने का आवेदन दिया था जिसमें अपने स्वयं के खर्च से निमार्ण कराने का भी प्रस्ताव था। आवेदन पर औषधि नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन के कहे अनुसार अस्पताल के सक्षम प्राधिकारी के समक्ष 01मार्च 2019 को आवेदन दिया गया जो आज तक अनिराकृत है।
0 विधायक की अनुशंसा पर मिली जगह
इस बीच 08 दिसम्बर 2021 को सहायक औषधि नियत्रंक द्वारा सस्ती दवा दुकान हेतु खण्ड चिकित्सा अधिकारी को गोपाल बन गोस्वामी हेतु अनुमोदन कर दिया गया। विधायक की अनुशंसा पर गोस्वामी को अस्पताल परिसर में 10 गुणा 12 वर्गमीटर की जगह भी दे दी गई जिस पर निर्माण करा रहा है।
0 हाईकोर्ट ने दिया है यह आदेश
उक्त अनुमति आदेश के विरूध्द दुकान संचालक ने छ.ग. उच्च न्यायालय में शासन के स्वास्थ्य सचिव, कलेक्टर, सहायक औषधि नियंत्रक, सीएमएचओ, बीएमओ व गोपाल बन गोस्वामी को प्रतिवादी बनाते हुए याचिका प्रस्तुत किया। विचारण उपरांत 19 जनवरी को पारित आदेश में न्यायाधीश ने निर्देश दिया है कि विधिवत् वादी के आवेदन पर विचार कर स्थल आंबटन दिया जावे। 60 दिन के अंदर प्रतिवादी 2 से 5 को वादी के आवेदन का निपटारा करना है। साथ ही प्रतिवादी गोपाल बन गोस्वामी को हेल्थ सेंटर की जमीन कैसे दिया गया उस पर भी जांच कर निर्णय लेना होगा। इस आधार पर संचालक ने आदेश की प्रति कलेक्टर को उपलब्ध कराते हुए 60 दिन के भीतर दुकान आंबटन कर न्यायालय के आदेश का अनुपालन हेतु आग्रह किया है।
0 ऐसे अधिकारियों पर कार्यवाही होनी चाहिए
दवा व्यवसायी के आवेदन को तवज्जो न देकर वर्षों से पेंडिंग में रखा गया जो आज तक अनिराकृत है। स्वास्थ्य और औषधि विभाग ने पूर्व आवेदन का निराकरण क्यों नहीं किया अब तक, इसका भी जवाब संबंधित अधिकारी से कलेक्टर को लेना चाहिए और कार्यवाही भी अपेक्षित है। इस तरह की कार्यशैली सर्वथा अनुचित ही है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)