कोरबा(खटपट न्यूज़)। घरों में काम करने वाली महिला से नामांतरण के लिए घूस मांगने वाले पटवारी दामोदर तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। आरोपी पटवारी ने खेत नामांतरण के लिए महिला से 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
पोंडी उपरोड़ा ब्लॉक के पसान क्षेत्र पटवारी हल्का नम्बर 3 के आश्रित ग्राम बोकरामुड़ी निवासी मुन्नी बाई को अपने खेत का नामांतरण कराना है। इसके लिए उसने पसान तहसील में आवेदन किया था। मुन्नी बाई का आरोप है कि पटवारी दामोदर प्रसाद तिवारी ने उससे नामांतरण की एवज में 20 हजार रुपए मांगे हैं। इससे पहले वाले पटवारी विजय प्रताप सिंह को भी वह 3 हजार रुपए दे चुकी थी, लेकिन आज तक उसका नामांतरण नहीं हुआ। इस मामले में दामोदर तिवारी की सफाई थी कि उसके कार्यकाल से पहले का आवेदन है इसलिए वह नहीं जानता और उसे निराकरण के लिए समय चाहिए। पटवारी का यह कथन कहीं न कहीं आवेदक को उसका काम करवाने और चक्कर काटने से बचने के लिए रिश्वत देने हेतु मजबूर करने वाला है। इस मामले में भले आनन-फानन में जांच कर निलम्बन कर दिया गया है किंतु तत्कालीन पटवारी ने भी रिश्वत लिया था और पैसा लेकर भी काम नहीं किया तो जांच उसकी भी होनी चाहिए। वह भी दंडात्मक कार्यवाही का हकदार है। यदि उसने नामांतरण कर दिया होता तो पीड़िता को भटकना नहीं पड़ता और न ही आर्थिक शोषण का शिकार होती।
0 जांच के बाद किया गया निलम्बन
मामले में एसडीएम पोड़ी उपरोड़ा अरुण कुमार खलखो ने जांच के लिए टीम बनाई। टीम ने जांच में शिकायत सही पाई। जांच रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम ने पटवारी दामोदर तिवारी को सस्पेंड कर दिया। पटवारी दामोदर तिवारी का कृत्य सिविल सेवा के आचरण के विपरीत मिला है। पटवारी को पोड़ी उपरोड़ा मुख्यालय अटैच कर दिया गया है। उसकी जगह हल्का नंबर 8 के पटवारी शिवलाल भगत को अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
0 शीर्ष निर्देश हवा-हवाई
सूबे के मुखिया से लेकर जिला के मुखिया तक बैठकों में आम जनता को परेशान नहीं करने और उनके कार्य आसानी से होने के निर्देश देते हैं जो रिश्वतखोरों के लिए हवा-हवाई रहते हैं। सक्षम लोग तो रुपये देकर काम काम लेते हैं पर गरीब और मध्यम वर्ग की चप्पलें घिस जाती हैं अपना सही काम कराने में। अक्सर होता यही है कि अधिकारी/बाबू/पटवारी/आरआई/जोन अधिकारी बदल जाने के बाद प्रकरण या तो लंबित हो जाते हैं या किनारे कर दिए जाते हैं। पूर्व अधिकारी की जगह लेने वाला अपने हिसाब से प्रकरणों को रेट तय कर निराकृत करता है और पूर्व के आवेदन को पूर्व अधिकारी के मत्थे होना बताकर अपनी नई रोटी सेंकने पर ध्यान दिया जाता है। यह समस्या हर उस विभाग की है जहां जनता का वास्ता पड़ता है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)