कोरबा(खटपट न्यूज़)। पुलिस ने शनिवार को नाबालिग से बलात्कार के दो मामलों को सुलझाया। दोनों पीड़ितों के आरोपियों को मेहनत-मशक्कत कर पकड़ तो लिया गया पर इन्हें पेश करने का तरीका जुदा-जुदा रहा। एक आरोपी को बेपर्दा सार्वजनिक किया गया तो दूसरा बापर्दा सामने लाया गया। ऐसा क्यों और किसलिए किया, यह तो बताया नहीं जा रहा किन्तु आरोपी से यह अजीजी सवालों के घेरे में है।
कोतवाली थाना अंतर्गत निवासी नाबालिग लड़की को अज्ञात व्यक्ति बहल-फुसला कर भगा ले गया था। अपराध दर्ज कर पतासाजी शुरू की तो टीम ने बाराद्वार रेलवे स्टेशन से आरोपी संतोष उर्फ लल्ला उरांव पिता स्व. हरिहर उरांव 22 वर्ष, निवासी राताखार को पकड़कर उसके कब्जे से अपहृत बालिका को बरामद किया। आरोपी अब जेल में है।
इसी तरह सीएसईबी पुलिस सहायता केन्द्र अंतर्गत 5 जनवरी को सुबह 5 बजे 13 वर्षीय लड़की के साथ उसके बड़े पिता ने जबरन बलात्कार किया जब लड़की अपने कमरे में सो रही थी। अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी दिलीप कुमार पिता साहू राम 39 वर्ष निवासी ढोढ़ी पारा को सीतामढ़ी बस स्टैंड से गिरफ्तार कर जेल दाखिल करा दिया गया।
इससे पहले हुई फोटोग्राफी के बाद चौकी से मीडिया को साझा की गई आरोपी की फोटो से चेहरा ही गायब है, उस पर आवरण चढ़ाकर/धुंधला कर एक तरह से बापर्दा कर दिया गया, इससे आरोपी की घिनौनी सूरत सामने नहीं आ पाई। भला उस बलात्कारी और इस बलात्कारी में अंतर क्या और क्यों…?तर्क नाबालिगों के मामले में पीड़ित की पहचान छिपाने का दिया जा रहा है, तो इसका भी पालन समान रूप से होता नजर नहीं आया। कानों कान खबर यह भी है कि आरोपी अपने चारपहिया वाहन में फड़ चलाया करता था, वह भी लाखों में।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)