कोरबा(खटपट न्यूज़)। जिले में लगातार अवैध रूप से संचालित रेत खदानों एवं जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा की जा रही अनदेखी के करण रेत माफियाओं के कदम थमने का नाम नहीं ले रहे। इन पर कार्यवाही करने ज्ञापन सौंपा गया।
युवा कांग्रेस उपाध्यक्ष मधुसूदन दास ने कहा कि कोरबा जिला खनिज सम्पदाओं से भरपूर है, इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है परंतु खनिज विभाग के अधिकारियों द्वारा मिलीभगत कर दिन-रात तरदा, अरदा, कटघोरा, सेमीपाली, गेरवा घाट, बालको, सुराकछार, भैरोताल से जमकर रेत की चोरी की जा रही है। इससे सरकार के साथ-साथ प्रशासन को भी रायल्टी का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
युवा कांग्रेस ने जिलाधीश के नाम ज्ञापन सौंपते हुए त्वरित संज्ञान लेकर रेत माफियाओं पर कार्यवाही के साथ-साथ जिम्मेदार अधिकारियों को भी दंडित करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रमुख रूप से इंटक जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव, दीपक दास महन्त, रमेश महन्त, जिला सचिव उमा मानिकपुरी, कमल किशोर चंद्रा, रोबिन एंथोनी, जिला संयोजक मितेश यादव, राजेन्द्र यादव, मुकेश उसरवर्षा, दीपेश यादव, सुरजीत कंवर, हरिहर दास, आदिल खान, राजेश मनहर, सपन कुमार जोशी, गुल संदीप, सूरज, रामकुमार पटेल, तुषार साहू आदि उपस्थित थे।
0 राताखार में भी जारी कालाबाजारी रेत का अवैध खनन और परिवहन के साथ महंगे दर पर बेचने की कालाबाजारी राताखार हसदेव नदी घाट से भी लगातार जारी है। यहां से हर दिन दर्जनों ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है और बाजार में बढ़ती रेत की कीमत में कोई कमी दर्ज नहीं हो रही। ठेकेदारों से लेकर आम लोगों की समस्या से जिला प्रशासन बेहतर ढंग से अवगत है लेकिन 15 अक्टूबर से प्रतिबंध खत्म हो जाने के बावजूद मोती सागर पारा और गेरवा घाट के रेत खदान को चालू नहीं किया जा सका है। सीतामढ़ी का घाट तो शुरू से ही विवादों में रहा जहां बड़ी प्रशासनिक चूक कहें या जानबूझकर ठेकेदार को रेत घाट के अंदर ही नदी क्षेत्र में भंडारण की अनुमति दे देने से यह पूरा घाट और निकाली तथा बेची गई रेत ही अवैधानिक हो जाती है। इस मामले में भी प्रशासनिक कार्रवाई अब तक लंबित है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)