कोरबा(खटपट न्यूज़)। प्रदेश में राजनीतिक उठापटक और जोर आजमाइश का परिणात्मक नजारा कोरबा शहर और जिले में देखने को मिला। 1 सप्ताह के भीतर शहर में तीन आयोजन हुए, तीनों आयोजन युवाओं से ही जुड़े रहे लेकिन युवाओं में तटस्थता नजर आई। पहला आयोजन युकां का रहा जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. राजीव गांधी के नाम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी राजीव युवा मितान क्लब का गठन के प्रति जागरूक कर युवाओं को जोड़ने के लिए मोटरसाइकिल रैली निकाली गई।आयोजन में भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव बतौर अतिथि उपस्थित रहे किंतु स्थानीय कांग्रेस के पदाधिकारियों एवं वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की दूरियां नजर आई। एक धड़े ने यह कार्यक्रम किया। ऐसा लगा मानों कि स्व. राजीव गांधी दूसरे धड़े के लिये नहीं हैं जबकि उनके प्रति श्रद्धा तो गुट से ऊपर उठकर निभानी थी।
13 नवंबर को हुए बाइक रैली के बाद 17 नवंबर को युवा कांग्रेस का एक और आयोजन महंगाई के विरुद्ध जन जागरण पदयात्रा की हुई। इसमें युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कोको पाढ़ी से लेकर कांग्रेस संगठन के जिला पदाधिकारी एवं पार्टी का हर वह बड़ा चेहरा जो आयोजनों में अक्सर नजर आता है, देखने को मिला। कांग्रेस और युकां संगठन का यह मिलाजुला कार्यक्रम रहा। इसी दिन एनएसयूआई ने भी कैंपस चलो अभियान किया जिसमें एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडेय शामिल हुए लेकिन इस आयोजन से युवा कांग्रेसियों की दूरी रही और युवा कांग्रेस की पदयात्रा से एनएसयूआई की। कांग्रेस रूपी नदी के दो किनारे युवा कांग्रेस और एनएसयूआई का संगम शहर व जिला में देखने को नहीं मिला। हालांकि दोनों संगठनों का मकसद युवाओं को जागरुक करने का है। एनएसयूआई ने छात्र संगठन तो युवा कांग्रेस ने युवाओं को जोड़ने का बीड़ा उठा रखा है परंतु इन दोनों आयोजनों से अनेक युवाओं ने ही दूरी बनाए रखते हुए खुद को तटस्थ रखने में भलाई समझी। राजनीति का ऊंट कब किस करवट बैठ जाए और कब किसे ओहदा मिल जाए, इसकी कोई गारंटी नहीं रहती। ऐसे में आज इसके पाले रह गए और कल पाला बदल गया तो पूछ-परख कम ना हो जाए इसका भी आंकलन करते हुए युवाओं ने किनारे रहना उचित समझा।
हालांकि दोनों ही संगठनों के नेताओं ने किसी भी तरह की गुटबाजी से इनकार किया और अंत तक युवा कांग्रेस के अध्यक्ष कहते रहे कि एनएसयूआई के अध्यक्ष उनके साथ पदयात्रा में शामिल होने आ रहे हैं लेकिन कार्यक्रम खत्म होने तक वे दूर-दूर तक नजर नहीं आए। संगठन का साथ तो युवा कांग्रेस में भी कमतर देखने को मिला लेकिन यदि कांग्रेस के पदाधिकारी व कार्यकर्ता शामिल ना होते तो महंगाई के विरुद्ध पदयात्रा में मुट्ठी भर लोग ही नजर आते। हालांकि महंगाई के विरुद्ध जन जागरण पदयात्रा और कैम्पस चलो अभियान काफी समय से चल रहा है लेकिन बात जब प्रदर्शन की आती है तो गुटबाजी/खेमेबाजी दिख ही जाती है। दोनों ही संगठन कांग्रेस की भुजाएं हैं और एकजुटता की बात हो तो सबको साथ मिलकर अपनी ताकत का एहसास कराना चाहिए किंतु यह छिन्न-भिन्न होती स्थिति राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय तो बनी हुई है। जिस तरह का प्रदर्शन युवा कांग्रेस की पदयात्रा में दिखना चाहिए था वह अपेक्षाकृत कमजोर दिखा जबकि महंगाई डायन सबको खाए जा रही है। एनएसयूआई का कैंपस चलो अभियान भी कुछ खास नहीं कहा जा रहा है। हालांकि नेतागण कभी भी अपने आयोजन को असफल नहीं बताते हैं लेकिन बहुत कुछ बताने पर नहीं देखने और दिखाने पर भी निर्भर रहता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के समर्थकों के बीच चली आ रही खींचतान यहां भी किसी न किसी सूरत में नजर तो आ ही गई है। आयोजक यह कहकर संतुष्ट हैं कि- न तुम जीते न हम हारे।
0 शक्ति प्रदर्शन पर टिका अगला युकां जिलाध्यक्ष
कोरबा जिले में युकां अध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है। संगठन ने जल्द ही अध्यक्ष के नाम की घोषणा करने की बात कही है लेकिन आयोजन के बाद। कहा जा रहा है कि पदयात्रा के आयोजन में जिन दावेदारों ने ज्यादा दम दिखाया उसे अगला अध्यक्ष घोषित किया जा सकता है। अध्यक्ष बनने की दौड़ में एक धड़ा अपने पसंदीदा को तो दूसरा धड़ा अपने चहेते को अध्यक्ष बनाना चाहेगा। इसके लिए भी दावेदारों ने पदयात्रा में भीड़ जुटाने की जोर आजमाइश की है। कोरबा और कटघोरा से अध्यक्ष के नाम की दावेदारी उभरी है लेकिन ऐसा पुख्ता तौर पर दावा भी हो रहा है कि कोरबा विधानसभा से अगला अध्यक्ष घोषित होगा जिसकी घोषणा भर बाकी है। कटघोरा का भी दावेदार अपने आप को मजबूत मान कर चल रहा है और अगला जिलाध्यक्ष बनने की जोड़-तोड़ एवं एप्रोच लगाई जा रही है।
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