कोरबा(खटपट न्यूज़)। पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थ निर्वाचित महिला पंचायत पदाधिकारियों के कामकाज संचालन के दौरान उनके पति/ सगे-संबंधियों के हस्तक्षेप पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस निर्देश का सख्ती से पालन कराने की बजाय जिम्मेदार अधिकारियों का उदारवादी रवैया उल्लंघन की बड़ी वजह बनी हुई है।
गुरुवार को जिला पंचायत के कृषि स्थायी समिति की बैठक उपसंचालक कृषि के कार्यालय में सभापति गणराज सिंह कंवर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिवकला कंवर, उपसंचालक कृषि एके शुक्ला, उद्यान विभाग, जल संसाधन विभाग, विद्युत विभाग, क्रेडा विभाग, रेशम विभाग, विकासखण्ड स्तरीय अधिकारी, जिला विपणन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के नोडल अधिकारी सहित समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद रहे। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष के पति छत्रपाल सिंह कंवर, सदस्य नीलिमा धृतलहरे के पति लखन धृतलहरे, गोदावरी राठौर के पति प्रमोद राठौर भी उपस्थित रहे। जिला पंचायत सदस्य नीलिमा के पति लखन तो अधिकारियों के साथ वाली कुर्सी में बैठे रहे और उनके बगल में सदस्य प्रीति कंवर थीं।
0 भारत सरकार का है स्पष्ट निर्देश, जिला सीईओ ने भी जारी किया
महिला पंचायत पदाधिकारियों को पंचायतों के कामकाज यथा नियोजन, क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण, नियंत्रण आदि में स्वयं निर्णय लेने हेतु सक्षम बनाने के लिए भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा निर्देशित किया गया है कि पंचायत के कामकाज संचालन के दौरान पंचायत कार्यालय परिसर के भीतर महिला पंचायत पदाधिकारियों को उनके कोई भी सगे-संबंधी/रिश्तेदार पंचायत के किसी कार्य में हस्तक्षेप/दखलंदाजी नहीं करेंगे। किसी विषय पर किसी भी पदाधिकारी/कर्मियों को महिला पंचायत पदाधिकारी की ओर से निर्णय लेकर सुझाव/निर्देश नहीं देंगे अन्यथा संबंधित महिला पंचायत पदाधिकारियों के विरुद्ध पंचायतराज अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी। उक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के साथ ही समस्त ग्राम पंचायतों को उक्त निर्देश से अवगत कराने संबंधी आदेश विगत जुलाई माह में जिला पंचायत के तत्कालिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा समस्त जनपद पंचायत सीईओ व समस्त सरपंच/सचिव को जारी किया जा चुका है।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)