नई दिल्ली
विज्ञान भवन में सोमवार को 67वां राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह रखा गया। इस पुरस्कार के 67 साल के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ की फिल्म भूलन द मेज को रीजनल सिनेमा कैटेगिरी में सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मान मिला। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने फिल्म के निर्देशक मनोज वर्मा को सम्मानित किया। समारोह में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर सहित बॉलीवुड की कई हस्तियां मौजूद रहीं। अप्रैल में रिलीज होगी मूवी: मनोज वर्मा ने सिटी भास्कर से बातचीत में बताया कि अप्रैल में फिल्म राज्य के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। फिर ओटीटी पर भी रिलीज करेंगे।
कैलाश खेर ने गाया है गीत
मूवी का टाइटल सॉन्ग कैलाश खेर ने गाया है। बैकग्राउंड म्यूजिक मोंटी शर्मा ने दिया है। इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल कैलिफोर्निया, कोलकाता के नेज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, मेडिटेरियन इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल इटली जैसे कई बड़े मंचों पर फिल्म सम्मानित हो चुकी है।
उपन्यास भूलन कांदा पर आधारित है फिल्म
छत्तीसगढ़ी और हिंदी में बनी 2 घंटे 10 मिनट की फिल्म संजीव बख्शी के उपन्यास ‘भूलन कांदा’ पर आधारित है। भूलन कांदा एक विचित्र पौधा है। मान्यता है कि उस पर पैर रखते ही इंसान सुध-बुध खो बैठता है। रास्ता भटक जाता है। फिल्म ये सवाल खड़ा करती है कि क्या न्याय व्यवस्था का पैर भी भूलन कांदा पर पड़ गया है। पीपली लाइव के नत्था यानी ओंकार दास, मुकेश तिवारी, राजेंद्र, पुष्पेंद्र, संजय, अनुराधा लीड रोल में हैं।
गरियाबंद के जंगलों में 34 दिन हुई शूटिंग
फिल्म शूट करने में 34 दिन लगे। मनोज वर्मा ने बताया, शूटिंग गरियाबंद से 30 किलोमीटर दूर महुआभाठा गांव के जंगलों में की। हम जिस जगह ठहरे थे कई बार वहां सांप भी लटकते मिले। शूटिंग के दौरान एक्सीडेंट में मेरे हाथ में माइनर फ्रैक्चर हो गया। मूवी में 250 से ज्यादा लोगों ने काम किया है। समझ लीजिए वहां का पूरा गांव हमारी शूटिंग में शामिल रहा।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा के प्रति लोगों का नजरिया बदला
मनोज वर्मा ने कहा, इस अवॉर्ड की घोषणा के बाद से छत्तीसगढ़ी सिनेमा के प्रति नजरिया बदला है। लोग इंडस्ट्री को सम्मान और उम्मीद से देख रहे हैं। लोगों को ये लगने लगा है कि यहां राष्ट्रीय स्तर की फिल्में बन सकती हैं। दर्जनाें लाेग मुझसे पूछ चुके हैं कि राष्ट्रीय पुरस्कार पाने के लिए आवेदन कैसे करें, किन बाताें का ध्यान रखें… यानी राज्य के लाेग ये पुरस्कार काे हासिल करने का सपना संजाे रहे हैं।