0 रेत चोरी के मामलों से पुलिस ने किनारा किया..!
कोरबा(खटपट न्यूज़)। कोरबा जिले में रेत माफियाओं की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि इनके कारण शासकीय संपत्ति को अच्छा खासा नुकसान होने लगा है। करोड़ों की लागत से निर्मित हुए उच्च स्तरीय पुल-पुलिया को ये रेत माफिया/ चोर कमजोर करने में लगे हुए हैं। माफिया और इसके लोग प्रशासन को उसकी कमजोर कार्यवाही का आइना दिखा रहे हैं। खनिज अधिकारी, मैदानी अमला और खनिज इंस्पेक्टर आत्मसमर्पण की भूमिका में हैं। इनके कारण सरकार को खासा चूना लग रहा है।
जिले के निर्मित और निर्माणाधीन पुलों के समीप से रेत उत्खनन का यह सिलसिला वर्षों से चला आ रहा है जिसके संदर्भ में लोक निर्माण विभाग सेतु निर्माण उप संभाग कोरबा के द्वारा लगातार खनिज प्रशासन के उप संचालक, कलेक्टर एवं संबंधित एसडीएम को पत्र लिखे जा रहे हैं। पिछले दिनों ही सर्वेश्वरी एनीकट पुल के नीचे से रेत खनन पर सेतु निर्माण ने पत्राचार किया। अब कटघोरा-जुराली मार्ग पर अहिरन नदी पर निर्मित उच्च स्तरीय सेतु के समीप से रेत खनन के संबंध में कटघोरा एसडीएम, उप संचालक खनिज एवं कलेक्टर को अवगत कराया गया है। कलेक्टर द्वारा 3 अगस्त 2018 को उक्त रेत खदान निरस्त कर दिया गया बावजूद इसके यहां से रात को रेत का अवैध उत्खनन पुल के पास से किया जा रहा है। 31 अगस्त एवं 1 सितंबर को रात में पुल के पास से अवैध खनन की वीडियो भी खनिज विभाग को भेजी गई इसके बाद 5 मामले दर्ज कर 29 हजार 500 रुपए अर्थदण्ड किया गया लेकिन फिर भी अवैध खनन जारी है। इस वजह से सेतु की नींव क्षतिग्रस्त हो गई और उसका मरम्मत कराया जा रहा है। सेतु निर्माण के अनुविभागीय अधिकारी एके जैन ने अवगत कराया है कि रेत का अवैध उत्खनन बंद नहीं किया गया तो यह सेतु पूर्णत: क्षतिगस्त हो जाएगा। वर्तमान में पुन: लाखों रुपए खर्च कर अहिरन सेतु की विशेष मरम्मत कराई जा रही है।
0 इन पुलों पर भी खतरा उत्पन्न किया रेत के चोरों ने
रेत का अवैध रूप से खनन कर उसकी चोरी करने वाले लोगों के द्वारा सेतुओं के नींव के समीप से 150 मीटर अप एवं डाउन स्ट्रीम के अंदर लगातार रेत खनन के कारण दीपका-बांकीमोंगरा मार्ग पर निर्मित खोलार नाला सेतु, कटघोरा-जुराली माल्दा घाट मार्ग पर अहिरन सेतु, ढेलवाडीह-पतरापाली मार्ग पर अहिरन सेतु,चोरभट्ठी-मदवानी मार्ग पर छिंदई नदी पर उच्च स्तरीय पुल पर खतरा उत्पन्न किया गया है। चोरभ_ी-मदवानी मार्ग के पुल (बाक्स टाइप) के समीप से रेत उत्खनन किया जा रहा है जिससे नींव को क्षति पहुंच रही है। इस संबंध में भी सेतु निर्माण विभाग द्वारा उक्त खदान को निरस्त कराने व सेतु के अप स्ट्रीम 200 मीटर एवं डाउन स्ट्रीम में 700 मीटर क्षेत्र में तत्काल उत्खनन बंद कराने खनिज विभाग को पत्र लिखा गया। आज पर्यन्त यहां अवैध खनन पर रोक नहीं लग सकी है।
0 सीतामणी व गेरवाघाट सर्वाधिक विवादित
शहर क्षेत्र में प्रदत्त मोतीसागरपारा सीतामणी व गेरवाघाट खदान सर्वाधिक विवादित बने हुए हैं। कोरबा-दर्री मार्ग के गेरवाघाट पर निर्मित हसदेव सेतु के नींव के समीप से लगातार रेत उत्खनन के कारण नींव की क्षति पहुंच रही है। 24 जुलाई 2019 को इस संबंध में खनिज विभाग सहित प्रशासन को पत्र लिखा गया साथ ही सेतु के समीप रेत खदान स्वीकृत होने पर उसे निरस्त करने का भी आग्रह किया गया। इसके बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई बल्कि यहां प्रतिबंध अवधि में भी रातभर अवैध खनन जारी है। सीतामणी में तो नदी के घाट पर ही रेत भंडारण की अनुमति देने के कारण ठेकेदार जयकुमार सोनी का रेत भंडारण कुबेर के खजाना की तरह खाली होने का नाम नहीं ले रहा। भंडारण अनुमति को लेकर की गई शिकायत में एसडीएम, तहसीलदार का नाम आने पर कुछ दिन तो रोक लगी रही लेकिन रविवार से पुन: रातभर खनन और तड़के ट्रैक्टर लगाकर परिवहन शुरू कर दिया गया है।
0 इस बार पुलिस ने रेत मामलों से हाथ खींचे
संभवतः यह पहला मौका होगा जब रेत के अवैध खनन और परिवहन के मामलों में कार्यवाही करने पुलिस ने हाथ खींचे। पुलिस के सामने से ट्रैक्टर पार हो रहे लेकिन पड़ताल नहीं होती। इससे पहले तो पुलिस ही रोक-रोक कर धरपकड़ करती रही। यह एक नई परंपरा पुलिस प्रशासन ने शुरू की है। खनिज विभाग का काम उसे ही करना है पुलिस को नहीं, पर देखना यह है कि परंपरा आगे कब तक चलती है? वैसे भी जिले में कलेक्टर और एसपी बदलने के साथ ही कई मामलों में व्यवस्थाएं बदलती रही हैं। तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल के निर्देश पर रेत का अवैध परिवहन के मामलों में चोरी का प्रकरण तक दर्ज हुआ है किंतु इसके बाद शिथिलता बरते जाने का भरपूर फायदा उठाया जा रहा है। अब तो रेत चोरों को पुलिस की ओर से भी राहत मिल गई है और खनिज अमला तो कार्यवाही कम ज्यादातर मैनेजमेंट संभालने में ही लगा हुआ है। अभी ऐसे ही अधिकारी भी नहीं रहे जो रात में अवैध खनन का पता चलने पर घाट में जाकर तत्काल कार्यवाही कर दें। अभी तो प्रति ट्रैक्टर 2000 रुपये में अपने कर्तव्य को कुर्बान कर दिया जा रहा है।
0बम्हनी नदी से खोदी जा रही अवैध रेत
पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के ग्राम सिर्री में बम्हनी नदी रेत खदान से सिर्री पंचायत के छट्टनपारा होते हुए धड़ल्ले से रेत का खनन किया जा रहा है। एनजीटी के नियमानुसार बरसात में रेत का खनन और परिवहन वर्जित है बावजूद माफिया लगातार रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सिर्री एवं आसपास नदियों से पूरे दिन रेत खनन कर खुलेआम परिवहन किया जाता है। बम्हनी नदी से हर दिन 50 से 100 ट्रैक्टर रेत का अवैध उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। इस संबंध में स्थानीय नागरिक ने पसान टीआई से संपर्क किया तो उन्होंने कार्यवाही के लिए सीधे तौर पर खनिज विभाग को जिम्मेदार बताया।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)