कोरबा-पसान(खटपट न्यूज़)। कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के पसान में खनिज विभाग ने रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अवैध परिवहन कर रहे मात्र एक ट्रैक्टर को जब्त किया है। खनिज विभाग की कार्रवाई से रेत माफिया में कथित तौर पर हड़कंप है।
पसान क्षेत्र के बैरा घाट से अवैध रेत उत्खनन और परिवहन की खबर पर खनिज विभाग ने मामूली कार्यवाही कर रेत का अवैध परिवहन करते मात्र 1 ट्रैक्टर को जब्त किया है।सोमवार सुबह यह कार्रवाई की गई जबकि पसान के कुछ सफेदपोश लोग भी रेत के अवैध कारोबार में शामिल हैं। बैरा बम्हनी नदी से जप्त ट्रैक्टर को पसान थाना में सुरक्षार्थ रखवाया गया है।
0 अवैध भंडारण पर नजर न कार्यवाही
खनिज विभाग ने रेत घाटों से हो रहे अवैध उत्खनन पर तो कार्रवाई की है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में हो रहे उत्खनन पर ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है। इसके साथ ही रेत के अवैध भंडारण के खिलाफ भी कार्यवाही लंबित व प्रतीक्षारत है।
0 कोरबा शहर के घाटों पर छूट से सवाल
बता दें कि कोरबा शहर के रेत घाटों में खनिज विभाग से लायसेंस प्राप्त कुछ रेत ठेकेदारों के द्वारा आड़ लेकर अपनी मनमानी चलाई जा रही है। इस संबंध में लगातार खबर प्रकाशन के बावजूद नोटिस-नोटिस खेला जा रहा है। हालात तो रेत कारोबारियों के बीच गुटबाजी और एक-दूसरे के विरुद्ध शिकायत पर शिकायत तक पहुंच गई है। गाली-गलौज, धमकी देना, एक दूसरे को देख लेने तक की नौबत आ गई है लेकिन इसकी जड़ में मूल रूप से विवाद की वजह खनिज अमला है जो रेत के कारोबारियों को प्राप्त लाइसेंस और प्रदत्त क्षेत्र से पृथक जाकर किए जा रहे अवैध खनन, अवैध तरीके से भंडारण और की जा रही मनमानी पर अंकुश लगाने में अपनी प्रशासनिक शक्तियों का इस्तेमाल करने की बजाय इनसे मित्रता निभाने में जुटा हुआ है। यह आश्चर्य का विषय है कि किसी एक शिकायत पर खनिज अमला जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र में जाकर 5-6 वाहनों की जब्ती की कार्रवाई करता है, पसान में मात्र एक ट्रैक्टर पकड़ता है जबकि कोरबा शहर में अवैध खनन और भंडारण का घटनाक्रम अक्सर देखने-सुनने और सुनाने को मिलता है लेकिन कार्यवाही नगण्य है। क्या खनिज अधिकारियों को किसी विशेष शिकायतकर्ता का इंतजार रहता है या फिर हुए सुनते सबकी हैं और करते अपने मन की हैं! कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस तरह की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण और कार्यवाही के निर्देश दिए हैं लेकिन लगता है कि खनिज अधिकारी और उनका मैदानी अमला अपने हिसाब से कलेक्टर को कहीं न कहीं गुमराह कर या गलत जानकारी देकर तस्वीर को अपने हिसाब से पेश कर सांठगांठ वाले ठेकेदारों को बचाने की हर कोशिश में लगा हुआ है। विभाग द्वारा कहीं सीधी कार्यवाही तो कहीं सिर्फ नोटिस दे दिए जाने से प्रमाणित अपराध को छिपाने जैसा व्यवहार किया जा रहा है। अगर कभी रेत के कारोबारियों में विवाद से शांति भंग होती है तो इसके लिए खनिज अमले की भूमिका को भी नकारा जाना उचित नहीं होगा।
00 सत्या पाल 00 (7999281136)