कोरबा (खटपट न्यूज)। पाली पंचायत के सरपंच व सचिव द्वारा 13 वें वित्त, 14वें वित्त एवं मूलभूत राशि की अफरा-तफरी की गई है। इसकी जांच कराने के लिए उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई है ताकि दोषियों को दंडित किया जा सके।
शिकायत के अनुसार ग्राम पंचायत पाली, जनपद पंचायत कटघोरा में सरपंच एवं सचिव ने पंचवर्षीय 2014-15 से 2019-20 के बीच 13 वें वित्त, 14 वे वित्त एवं मूलभूत राशि की अफरा-तफरी की है। पंचायत को विकास कार्यो के लिए शासन द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत लाखों रुपये आवंटित किये जाते हैं लेकिन सरपंच व सचिव की लापरवाही के कारण इनका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाता है । इससे ग्रामीण अपनी छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए प्रशासन का चक्कर काटते रहते हैं।
ग्राम पंचायत पाली, जनपद पंचायत कटघोरा की सरपंच कमलाबाई एवं सचिव भरत यादव की शिकायत ग्रामीणों ने उच्चाधिकारियों से की है। कमला बाई पूर्व पंचवर्षीय में भी सरपंच एवं भरत यादव सचिव के रूप में पदस्थ थे। पंचवर्षीय 2014 -15 से 2019-20 के बीच पांच वर्षों में पंचायत में जितनी भी बैठक एवं ग्रामसभा आयोजित की गई उस बैठक में सरपंच, सचिव ने पंचों एवं ग्रामीणों को कितनी राशि 13 वित्त, 14 वित्त एवं मूलभूत से प्राप्त हुई है, इसकी जानकारी प्रदान नहीं की है। पंचायत में किसी भी कार्य को करने के लिए एवं पैसे निकालने के लिए ग्रामसभा का प्रस्ताव जरूरी है लेकिन इसके लिए पंचायत में प्रस्ताव पारित नहीं किए गए हैं। पंचायत में जितने भी कार्य कराए जाते हैं, उन कार्य का नाम, वर्ष एवं मद की जानकारी सूचना बोर्ड में सार्वजनिक की जाती है ताकि पंचायत के लोगों को जानकारी प्राप्त हो सके लेकिन इस पंचायत में किसी भी कार्य के लिए सूचना बोर्ड में जानकारी प्रदान नहीं की गई है। नए-नए पंच होने के कारण प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने का भरपूर फ़ायदा सरपंच और सचिव ने उठाते हुए राशि की अफरा-तफरी की है । पंचवर्षीय में उक्त मद से कुछ काम कराए गए हैं जिसकी गुणवत्ता अत्यंत खराब है। ऑन लाइन अवलोकन करने से पंचायत में 13वे वित, 14वें वित्त एवं मूलभूत से लाखों रुपयों के अनेकों कार्य की जानकारी मिल रही है , लेकिन पंचायत में अधिकांश काम आंशिक रूप से भी नहीं हुआ है। फर्जी प्रस्ताव एवं बगैर कार्य किये लाखों रुपयों की अफरा-तफरी की गई है। ग्रामीणों एवं पंचों ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों एवं पंचायत पदाधिकारियों से करते हुए 13 वें वित्त, 14 वें वित्त एवं मूलभूत राशि से कराए गए कार्य का भौतिक सत्यापन ग्रामीणों एवं पंचों के समक्ष कराने की मांग की है जिससे कि फर्जीवाड़ा का खुलासा हो एवं सरपंच- सचिव खिलाफ कार्यवाही किया जा सके।